देहरादून, सहकारिता मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत द्वारा राजपुर रोड स्थित उत्तराखण्ड सहकारिता प्रबन्धन संस्थान में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। बैठक में प0 दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत् लाभार्थियों की सफलता, वितरित अल्पकालीन व मध्यकालीन ऋण वितरण की प्रगति, पतंजलि सहकारी आरोग्य केन्द्र संचालन समितियों की सम्पत्तियों, जनपदों में सहकारी समितियों में शिक्षा निधि की स्थिति, महिला सहकारी बैंक शाखा संचालित करने की प्रगति, जिला सहकारी बैंकों के एनपीए एवं हानि से संचालन में सुधार की स्थिति, ऋण जमा अनुपात, किसान के्रडिट कार्ड वितरण और माइक्रो फाइनेंस में डिजिटल पैमेन्टस को बढावा देने से सम्बन्धित बिन्दुओं पर सदन में विस्तृत चर्चा की गयी और इस दौरान कुछ महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये।
   बैठक की शुरूआत में क्यबर्स फिन्टेक सर्विस प्रा0लि0 कम्पनी द्वारा सदन में सहाकारी बैंको के उपभोक्ताओं और छोटे-छोटे व्यवसाय करने वाले लोग डिजिटल पेमेन्ट्स से किस तरह अपना व्यपार कर सकते हैं इस बात का प्रेजेन्टेशन दिया गया। कम्पनी द्वारा जिला सहकारी बैंको में एटीएम भी लगाया जायेगा। साथ ही रूपे कार्ड और ट्रांजैक्शन सम्बन्धित विभिन्न प्रोसिजर्स को बैंकों के उपभोक्ता के उपयोग के लिए किस प्रकार से अपनाया जायेगा के बारे में बताया। सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में प्रदेश के किसानों को 2 प्रतिशत् ब्याज पर 1 लाख रू0 तक कृषि ऋण का प्रावधान किया था और उसमें और सुधार करते हुए प्रदेश के किसानों को शून्य प्रतिशत् ब्याज पर 1 लाख रू0 का व्यक्तिगत ऋण तथा कृषि कार्य करने वाले महिला समूहों को 5 लाख रू0 तक का लोन शून्य प्रतिशत् ब्याज पर दिया जायेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को प्रदेश में स्थानीय व्यवसाय (परम्परागत व्यवसाय) में लगे विभिन्न लोगों को फोकस करते हुए सहकारिता के सहयोग से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के निर्देश दिये। उन्होंने यह भी कहा कि सहकारिता विभाग और पतंजलि योग संस्थान लोगों के कल्याण के लिए सहकारी विक्रय केन्द्रो पर संयुक्त उद्यम के तौर पर कार्य करेंगे, जिसमें पतंजलि के उत्पादों का विक्रय केन्द्रों पर किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अभी बहुद्देशीय समितियांे द्वारा 100 केन्द्रों पर सहकारी स्टोर खोले जा रहे है, जिसमें सहकारी  समितियों के सदस्यों को पतंजलि उत्पादों के क्रय में 5 से 7 प्रतिशत् की दर मिलेगी और विक्रय का 10 प्रतिशत् लाभ सहकारी समितियों को दिया जायेगा। माननीय मंत्री ने ऐसे प्राथमिक सहाकारी समिति, जिला सहकारी बैंक और राज्य सहकारी बैंक जो वर्तमान में घाटे में चल रहे हैं उनको उबारने के लिए किये जा सकने वाले नीतिगत और अन्य समाधानों को अमल में लाने हेतु समिति के गठन के भी निर्देश दिये। समिति  घाटे में जाने के विभिन्न कारणों की तह तक जायेगी और कार्मिकों की जिम्मेदारी तय करने, नयी नियमावली, पुनर्गठन तथा अन्य सुधारात्मक उपायों पर भी अपनी आख्या देगी। इस दौरान माननीय मंत्री ने उपस्थित सदस्यों द्वारा सहकारी विभाग की डायरी का भी विमोचन किया। मंत्री ने महाप्रबन्धक उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक लि0 और जिला सहकारी बैंक लि0 अध्यक्ष को निर्देश दिये कि सहकारिता से लोगों का अधिकाधिक कल्याण करने के लिए सभी योजनाओं में प्रगति बढाने के निर्देश दिये। इस दौरान उपस्थित सदस्यों ने सहकारिता को जनोमुखी बनाने के लिए जरूरी सुझावों को भी साझा किया।
   इस अवसर पर उत्तराखण्ड  सहकारी परिषद उपाध्यक्ष हयात सिंह मेहरा, निबन्धक सहकारी समितियां बी.एम मिश्रा, प्रबन्धक निदेशक सहकारिता उत्तराखण्ड दीपक कुमार सहित सम्बन्धित सदस्य उपस्थित थे।