देहरादून 3 फरवरी : हिन्दी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं की फिल्मों की सब्सिडी में वृद्धि की गई है. जिसके तहत अधिकतम सब्सिडी को 1.5 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया गया.
क्षेत्रीय (गढ़वाली/कुमांऊनी) फ़िल्मों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी की अधिकतम सीमा में 8 गुना की बढ़ोत्तरी की गई है. यानी सब्सिडी को 25 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए तक किया गया है.
उत्तराखंड में शूट होने वाली बाल फ़िल्मों को अतिरक्त 10 फीसदी तक की अनुदान की व्यवस्था की गई है.
विदेशी फ़िल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फ़िल्मों पर राज्य में व्यय राशि का अधिकतम 30 फीसदी या 3 करोड़ तक की सब्सिडी दी गई है.
OTT प्टेलफ़ॉर्म्स को भी मान्यता, अब राज्य में शूट होने वाली वेब सिरीज (न्यूनतम 5 एपिसोड – 30 मिनट प्रत्येक एपिसोड), TV Serials (- न्यूनतम 20 एपिसोड 22 मिनट प्रत्येक एपिसोड) को भी फिल्मों की तरह सब्सिडी मिलेगी.
डाक्यूमेंट्री, लघु (शॉर्ट) फ़िल्म, ट्रैवलॉग, ब्लॉग, म्यूजिक वीडियोज़ को भी सब्सिडी / प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है.
पर्वतीय क्षेत्रों में नयी शूटिंग लोकेशन को बढ़ावा नयी लोकेशन पर शूट करने पर अतिरिक्त अनुदान 5 फीसदी तक की व्यवस्था की गई है. राज्य में नयी लोकशन को पर्यटन विभाग की सलाह पर चयनित किया जाएगा.
फ़िल्म विकास परिषद का गठन जिनमें 15 सरकारी-गैर सरकारी सदस्य होंगे. जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे.
फ़िल्मों के मुख्य रूप से राज्य के स्थानीय कलाकार, टेक्नीशियन्स को शामिल किए जाने पर अनुदान के रूप अधिकतम 10 लाख रुपए तक की प्रोत्साहन राशि.
राज्य के प्रतिभावान छात्रों को फिल्म संस्थान पुणे, कोलकाता या अन्य फ़िल्म मन्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में छात्रवृत्ति दी जाएगी. पाठ्यक्रम पर हुए व्यय का एसटी / एससी / ओबीसी विद्याथियो को 75 फ़ीसदी और सामान्य अभ्यर्थियों को 50 फीसदी तक की छात्रवृत्ति दी जायेगी.
फिल्म निर्माण में रूचि दिखाने वाले निर्माता निर्देशकों को और उत्तराखंड की बोलियों में बनने वाली फिल्मों एवं कलाकारों को प्रोत्साहन/सम्मान/पुरुस्कार दिया जाएगा.
निवेश की दृष्टि और राज्य में अधिक से अधिक राजस्व की प्राप्ति के लिए, प्रदेश में फ़िल्म विधा से संबंधित रोज़गार बढ़ाने के लिए नयी फिल्म सिटी का निर्माण पर जोर दिया जाएगा.
औद्योगिक विकास विभाग की नीतियों किए गए प्रावधानों के समुचित उपयोग को भी फ़िल्म सिटी के निर्माण में प्रोत्साहित किया जाएगा.
राज्य में फ़िल्म पाठ्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए और फिल्म व्यावसायिक शिक्षा के सृजन के लिए राज्य में नये फ़िल्म एवं कंटेंट प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना और अधिकतम 25 फीसदी तक या 50 लाख तक के अधिकतम अनुदान की व्यवस्था होगी.
नए पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियोज़, नये मोबाइल थिएटर, नये मल्टीप्लेक्स एव नये सिनेमाघरों की अवस्थापना में अधिकतम 25 फीसदी तक या 25 लाख तक के अधिकतम अनुदान की व्यवस्था की गई है.
राज्य में फ़िल्म कल्चर को बढ़ावा देने के लिए फ़िल्म सोसाइटीज़ को प्रोत्साहन/अनुदान के रूप में अधिकतम 5 लाख रुपए दिए जाएंगे.
राज्य में फिल्म संस्कृति और फ़िल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड एंबेसडर का चयन होगा.
लाइन प्रोड्यूसर्स का पंजीकरण होगा. पंजीकृत लाइन प्रोड्यूसर्स की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 2 लाख रुपए तक की सहयोग राशि का प्रावधान होगा.
फ़िल्म विकास परिषद की ओर से फिल्म उद्योग से संबंधित फ़िल्म डायरेक्ट्री का निर्माण, ताकि प्रदेश में आने वाले फिल्म निर्माताओं को सभी सुविधाओं का आसानी से पता चल सके.
राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त / पुरस्कृत फिल्मों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय बोली की फ़िल्मों के प्रचार – प्रसार के लिए सहयोग दिया जाएगा
धामी सरकार ने उत्तराखंड फ़िल्म नीति 2024 को कैबिनेट में दी मंजूरी
हिन्दी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल सभी भाषाओं की फिल्मों की सब्सिडी में वृद्धि की गई है. जिसके तहत अधिकतम सब्सिडी को 1.5 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ किया गया.
क्षेत्रीय (गढ़वाली/कुमांऊनी) फ़िल्मों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी की अधिकतम सीमा में 8 गुना की बढ़ोत्तरी की गई है. यानी सब्सिडी को 25 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपए तक किया गया है.
उत्तराखंड में शूट होने वाली बाल फ़िल्मों को अतिरक्त 10 फीसदी तक की अनुदान की व्यवस्था की गई है.
विदेशी फ़िल्मों और 50 करोड़ से अधिक बजट की फ़िल्मों पर राज्य में व्यय राशि का अधिकतम 30 फीसदी या 3 करोड़ तक की सब्सिडी दी गई है.
OTT प्टेलफ़ॉर्म्स को भी मान्यता, अब राज्य में शूट होने वाली वेब सिरीज (न्यूनतम 5 एपिसोड – 30 मिनट प्रत्येक एपिसोड), TV Serials (- न्यूनतम 20 एपिसोड 22 मिनट प्रत्येक एपिसोड) को भी फिल्मों की तरह सब्सिडी मिलेगी.
डाक्यूमेंट्री, लघु (शॉर्ट) फ़िल्म, ट्रैवलॉग, ब्लॉग, म्यूजिक वीडियोज़ को भी सब्सिडी / प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है.
पर्वतीय क्षेत्रों में नयी शूटिंग लोकेशन को बढ़ावा नयी लोकेशन पर शूट करने पर अतिरिक्त अनुदान 5 फीसदी तक की व्यवस्था की गई है. राज्य में नयी लोकशन को पर्यटन विभाग की सलाह पर चयनित किया जाएगा.
फ़िल्म विकास परिषद का गठन जिनमें 15 सरकारी-गैर सरकारी सदस्य होंगे. जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे.
फ़िल्मों के मुख्य रूप से राज्य के स्थानीय कलाकार, टेक्नीशियन्स को शामिल किए जाने पर अनुदान के रूप अधिकतम 10 लाख रुपए तक की प्रोत्साहन राशि.
राज्य के प्रतिभावान छात्रों को फिल्म संस्थान पुणे, कोलकाता या अन्य फ़िल्म मन्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थानों में छात्रवृत्ति दी जाएगी. पाठ्यक्रम पर हुए व्यय का एसटी / एससी / ओबीसी विद्याथियो को 75 फ़ीसदी और सामान्य अभ्यर्थियों को 50 फीसदी तक की छात्रवृत्ति दी जायेगी.
फिल्म निर्माण में रूचि दिखाने वाले निर्माता निर्देशकों को और उत्तराखंड की बोलियों में बनने वाली फिल्मों एवं कलाकारों को प्रोत्साहन/सम्मान/पुरुस्कार दिया जाएगा.
निवेश की दृष्टि और राज्य में अधिक से अधिक राजस्व की प्राप्ति के लिए, प्रदेश में फ़िल्म विधा से संबंधित रोज़गार बढ़ाने के लिए नयी फिल्म सिटी का निर्माण पर जोर दिया जाएगा.
औद्योगिक विकास विभाग की नीतियों किए गए प्रावधानों के समुचित उपयोग को भी फ़िल्म सिटी के निर्माण में प्रोत्साहित किया जाएगा.
राज्य में फ़िल्म पाठ्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए और फिल्म व्यावसायिक शिक्षा के सृजन के लिए राज्य में नये फ़िल्म एवं कंटेंट प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना और अधिकतम 25 फीसदी तक या 50 लाख तक के अधिकतम अनुदान की व्यवस्था होगी.
नए पोस्ट प्रोडक्शन स्टूडियोज़, नये मोबाइल थिएटर, नये मल्टीप्लेक्स एव नये सिनेमाघरों की अवस्थापना में अधिकतम 25 फीसदी तक या 25 लाख तक के अधिकतम अनुदान की व्यवस्था की गई है.
राज्य में फ़िल्म कल्चर को बढ़ावा देने के लिए फ़िल्म सोसाइटीज़ को प्रोत्साहन/अनुदान के रूप में अधिकतम 5 लाख रुपए दिए जाएंगे.
राज्य में फिल्म संस्कृति और फ़िल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड एंबेसडर का चयन होगा.
लाइन प्रोड्यूसर्स का पंजीकरण होगा. पंजीकृत लाइन प्रोड्यूसर्स की मृत्यु होने पर उनके आश्रितों को 2 लाख रुपए तक की सहयोग राशि का प्रावधान होगा.
फ़िल्म विकास परिषद की ओर से फिल्म उद्योग से संबंधित फ़िल्म डायरेक्ट्री का निर्माण, ताकि प्रदेश में आने वाले फिल्म निर्माताओं को सभी सुविधाओं का आसानी से पता चल सके.
राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त / पुरस्कृत फिल्मों को प्रोत्साहन दिया जाएगा. उत्तराखण्ड की क्षेत्रीय बोली की फ़िल्मों के प्रचार – प्रसार के लिए सहयोग दिया जाएगा