देहरादून, उत्तराखंड की एटीएस विंग में पहली बार शामिल होने वाले कमांडो महिला दस्ते की ट्रेनिंग में विवादित शीफूजी शौर्य का प्रशिक्षण देने वाला मामला मीडिया में तूल पकड़ता दिख रहा है। अब इस मामले में उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र नगर पीटीसी में महिला कमांडो दस्ते को मोटिवेशनल क्लास देने के लिए कई आउटसोर्सिंग गेस्ट टीचरों को बुलाया जाता है। इसी क्रम में शीफूजी को आमंत्रित किया गया था। शीफूजी द्वारा दी गई मोटिवेशनल ट्रेनिंग से महिला कमांडो दस्ते को काफी फायदा हुआ है।
डीजीपी ने कहा कि हरिद्वार में ट्रेनिंग देने के बाद नरेंद्र नगर पीटीसी में एटीएस महिला कमांडो को ट्रेनिंग देने के दौरान आउटसोर्सिंग स्तर पर ही शीफूजी को बुलाया गया था। अब शीफूजी को लेकर सोशल मीडिया से जो भी विवाद सामने आया है, उससे संबंधित जानकारियां जुटाई जा रही हैं। उत्तराखंड पुलिस के पास अभी तक शीफूजी को लेकर ऐसी कोई शिकायत सामने नहीं आई है। लेकिन उत्तराखंड महिला कमांडो को मोटिवेशनल ट्रेनिंग देने वाले शिफूजी को लेकर मीडिया में अब सवाल उठ रहे हैं। 40 साल के शीफूजी मध्यप्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं। शीफूजी के सेना के जुड़े होने को लेकर विवाद है। उनके बैज, वर्दी लगाकर यू ट्यूब वीडियोज शूट करने को लेकर भी कई बार सवाल उठ चुके हैं। शीफूजी खुद को ट्रेनर के साथ ही मेंटर के तौर पर पेश करते हैं। शीफूजी के कई वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। इनमें वह कमांडो वर्दी और बैजेज के साथ दिखाई देते हैं। शीफूजी अपने वीडियो संदेशों में इस्तेमाल की गई भाषा को लेकर भी यूजर्स के निशाने पर रहते हैं।
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