विकासनगर, जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश में लागू आरक्षण व्यवस्था, जिसके तहत अनुसूचित जाति/जनजाति व अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण दिया जा रहा है, उस व्यवस्था से वास्तविक गरीब कोसों दूर है।
मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि अनु0जाति/जनजाति के मामले में क्रीमीलेयर व्यवस्था (आय सीमा न होना) न होने के कारण अमीर/धनाड्य लोग सरकारी योजनाओं/नौकरियों का आसानी से लाभ उठा लेते हैं, लेकिन वहीं दूसरी ओर सुविधाओं से कोसों दूर और तंगहाली में जीने को मजबूर माँ-बाप अपने बच्चों को समुचित सुविधा नहीं दे पाते, जिससे वो गरीब बच्चे अधिकांश मामलों में अमीरों से प्रतिस्पद्र्वा नहीं कर पाते तथा योजनाओं से वंचित रह जाते हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग में क्रीमीलेयर की व्यवस्था मौजूद है, लेकिन इनकी आय सीमा छः लाख तथा वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा लागू सामान्य वर्ग को आरक्षण मामले में आय आठ लाख है, इसमें भी वास्तविक रूप से गरीब का हक मर जाता है।   
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 नेगी ने उदाहरण देते हुए कहा कि प्रदेश में जिस प्रकार सभी वर्ग में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू है, इसके चलते महिलायें सरकारी नौकरियों में भरपूर लाभ उठा रही है, इसी तर्ज पर हर वर्ग के गरीबों हेतु आरक्षण व्यवस्था लागू करने की जरूरत है। मोर्चा ने सरकार से मांग की कि प्रदेश में महिलाओं को देय 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण की तर्ज पर प्रदेश के सभी वर्ग के वास्तविक गरीबों हेतु भी क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था लागू करे तथा उसकी आय सीमा 2-3 लाख वार्षिक से अधिक न हो। इस योजना के लागू होने से ही आरक्षण व्यवस्था की सार्थकता सिद्व हो सकती है अन्यथा आरक्षण का कोई औचित्य नहीं है। पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा, दिलबाग सिंह, श्रवण ओझा, सुशील भारद्वाज आदि  उपस्थित रहे