देहरादून, हरिद्वार के दर्शन कराने के लिए देश की पहली पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) यानी पॉड कार का काम जल्द शुरू होने जा रहा है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) ने इसके लिए टेंडर निकाल दिया है। करीब 1200 करोड़ के खर्च से बनने वाली इस परियोजना के तहत पूरे हरिद्वार के दर्शन करने का मौका मिलेगा।
यूकेएमआरसी की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, यह परियोजना वर्ष 2024 तक पूरी होनी है। टेंडर लेने वाली कंपनी के लिए पहली शर्त यह है कि उसे एक साल के भीतर कम से कम डेढ़ किलोमीटर का ट्रैक तैयार करना होगा। इसका रूट भी तय कर दिया गया है। इसके लिए 21 स्टेशन बनाए जाएंगे। प्री बिड मीटिंग में तमाम देशी और विदेशी कंपनियों ने इसे तैयार करने में दिलचस्पी दिखाई है। हालांकि अभी किसी को भी टेंडर जारी नहीं हुआ है। टेंडर डालने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। यूकेएमआरसी का लक्ष्य है कि मार्च या अप्रैल तक पॉड कार के निर्माण का काम शुरू कर दिया जाए। यह एक छोटी कार है, जिसमें चार से छह सवारियां परिवहन कर सकती हैं। दुनिया में सबसे पुराना और सबसे बड़ा पीआरटी वेस्ट वर्जिनिया के मोर्गनटाउन में है। यह 1975 से संचालित हो रहा है। मसदर सिटी, संयुक्त अरब अमीरात और 2011 के बाद लंदन हीथ्रो हवाई अड्डे पर पीआरटी सिस्टम शुरू हुआ था। दक्षिण कोरिया में अप्रैल 2014 में एक साल के परीक्षण के बाद पीआरटी को शुरू किया गया था। इसके लिए एलिवेटेड रूट तैयार किया जाएगा। यह प्वाइंट टू प्वाइंट परिवहन के लिए जाना जाता है। पॉड कार का संचालन सीतापुर से शुरू होगा। यह ज्वालापुर, आर्यनगर होते हुए शांतिकुंज और इसके बाद भारत माता मंदिर तक जाएगी। दूसरी ओर, यह सीतापुर से शुरू होकर बीच में सिटी हॉस्पिटल से कनखल चैक होते हुए दक्ष मंदिर और गणेशपुरम से डीएवी स्कूल तक संचालित की जानी है।