हरिद्वार के महाकुंभ में कोरोना जांच महाघोटाले की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराने की अपनी मांग पर अड़ी कांग्रेस ने हरिद्वार में उपवास कार्यक्रम आयोजित कर अब इस आंदोलन को पूरे प्रदेश भर में एक बड़ा मुद्दा बना कर सरकार पर #कुम्भ जैसे #पवित्र #हिन्दू_पर्व के आयोजन में #भ्रष्टाचार वो भी प्रदेश व #देश के लोगों की सेहत की कीमत पर का आरोप लगाते हुए #भाजपा सरकार को कठघरे में खड़ा करने का मन बना लिया है।

केसे हुआ खुलासा

उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार (Haridwar) में इस साल अप्रैल महीने में कुंभ मेले का आयोजन हुआ. कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच बड़े स्तर पर शुरू हुआ यह मेला कार्यक्रम विवादों के घेरे में आ गया था. हाईकोर्ट जैसी बड़ी संस्थाएं भी इसमें सक्रिय भूमिका निभा रही थीं. इस दौरान एक बड़े कोविड टेस्टिंग घोटाले (Covid Testing Scam) का खुलासा हुआ. इस खुलासे की शुरुआत पंजाब के फरीदकोट के रहने वाले एक LIC एजेंट विपन मित्तल के जरिए हुई.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मित्तल के पास 22 अप्रैल को एक मैसेज आया, जिसमें कहा गया कि उनकी कोविड जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है. खास बात यह है कि उन्होंने टेस्ट कराया ही नहीं था. अपने निजी डेटा के खतरे में होने की शंका के बीच उन्होंने पड़ताल शुरू की. जिला स्तर से शुरू होकर आरटीआई तक पहुंची खोज के बाद एक बड़ा गोलमाल सामने आया, जिसे ‘देश का सबसे बड़ा फर्जी कोविड जांच घोटाला’ कहा जा रहा है.

अखबार के मुताबिक मित्तल ने बताया, ‘मेरी कोविड-19 रिपोर्ट कह रही थी कि मैं नेगेटिव था, लेकिन मैंने जांच नहीं कराई थी. मैं जिला स्तर पर अधिकारियों से मिला, लेकिन मुझे जाने के लिए कहा गया. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी इस बात को जानने में दिलचस्पी नहीं ले रहे थे कि क्या चल रहा है. आखिरी उपाय के तौर पर मैंने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च को ई-मेल के जरिए एक शिकायत भेजी.’

ICMR ने जांच की बात कही, लेकिन हफ्ते भर बाद भी जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने लैब की जानकारी हासिल करने के लिए RTI दायर की. ICMR ने मामले पर संज्ञान लिया और पाया कि मित्तल का सैंपल ‘हरिद्वार में लिया और जांचा गया है.’ वहां से मित्तल की शिकायत को उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के पास भेजा गया. एक बड़ी जांच के बाद सामने आया कि मित्तल उन एक लाख लोगों में शामिल हैं, जिनकी जाली रिपोर्ट हरियाणा की एजेंसी ने तैयार की थी.

जांच में पता चला कि दिए गए नाम और पते फर्जी हैं. कई लोगों ने एक ही फोन नंबर और एंटीजन टेस्ट किट की जानकारी दी. जबकि, किट का इस्तेमाल एक बार ही किया जा सकता है. राजस्थान के ऐसे कई छात्रों का नाम सैंपल देने वालों में शामिल था, जो कभी कुंभ नहीं गए. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने मेला अवधि के दौरान सैंपल इकट्ठा करने वाली आठ एजेंसियों की मदद से कुल चार लाख जांचें की थीं. फिलहाल अन्य एजेंसियां जांच के दायरे में हैं.
स्वास्थय मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया ‘फर्जी टेस्ट्स की कुल संख्या का पता जांच के बाद चलेगा.’ अग्रवाल ने जानकारी दी कि उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से बात की है और इस संबंध में जांच रिपोर्ट एक या दो सप्ताह में सामने आ जाएगी. उन्होंने कहा, ‘मामले में शामिल लोगों को जिम्मेदार माना जाएगा और जहां जरूरत होगी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी.’


उपवास की सफलता के बाद प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने आगामी रविवार 27 जून को प्रदेश के सभी जिलों में राज्य सरकार का पुतला दहन करने का आह्वाहन किया है । ऊक्त जानकारी देते हुए प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष  ने प्रेस को बताया कि पार्टी ने यह तय कर लिया है कि वो इस पूरे घोटाले को जनता के सामने पूरी तरह से पर्दाफाश करेगी व इसके लिए पार्टी चरणबध्द तरीके से आंदोलन चलाएगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले दिन से इस पूरे घोटाले की जांच माननीय उच्च न्यायालय के सिटिंग जज की निगरानी में करवाने की मांग की थी किन्तु क्योंकि घोटाले में शामिल कम्पनी व उसके मालिकान सत्ताधारी पार्टी बीजेपी व राज्य सरकार के मंत्रियों व अधिकारियों के बेहद करीबी हैं। इसलिए जांच के नाम पर केवल औपचारिकताएं हो रही है और मामला रफा दफा करने के भी तरीके सत्कार व भाजपा तलाश कर रही है इसलिए अब प्रदेश भर में व्यापक जन आंदोलन खड़ा करके ही इस मांग को मनवाया जा सकता है।

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हरिद्वार में कुंभ के दौरान भाजपा सरकार के संरक्षण में हुए “#कोरोनाटेस्टिंगमहाघोटाले” की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराये जाने की मांग के लिये श्री विरेन्द्र पोखरियाल(अध्यक्ष सहकारी बाजार देहरादून व उतराखण्ड राज्य आन्दोलन कारी) एवं साथी गण द्वारा हरिद्वार में गंगा जी के सुभाष घाट पर उपवास कार्य क्रम में सहभागिता की उन्होंने बतायाकि इस मुद्दे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  प्रीतम सिंह जी के नेतृत्व में सभी जिला मुख्यालय , विधानसभाओं व तत्पश्चात सभी ब्लॉकों और तहसीलों पर प्रदर्शन किया जाएगा।

 

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