नई दिल्ली। अंडरवर्ल्ड के नामी गैंगस्टर छोटा राजन की कोरोना संक्रमित होने के बाद मौत हो गई है यह खबर करीब एक घंटे तक पूरे देश के मीडिया में सुर्खियां बनी रही, लेकिन काफी देर बाद एम्स ने एक बयान जारी किया है कि वह जिंदा है। अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में कोविड की पुष्टि होने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराय गया था। वहां आज शुक्रवार को छोटा राजन की मौत की खबर पूरे देश में वायरल हो गई। आपको बता दें कि अंडरवर्ल्ड डॉन राजेंद्र निखालजे उर्फ छोटा राजन तबीयत बिगड़ने के बाद 26 अप्रैल को एम्स में भर्ती कराया गया था। उसकी गिरफ्तारी 2015 को इंडोनेशिया से हुई थी। तभी से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था। उस पर अकेले महाराष्ट्र में ही हत्या, जबरन वसूली सहित 70 आपरधिक मामले दर्ज हैं।

नायर गैंग से शुरू हुई क्रिमिनल लाइफ, कहलाने लगा छोटा राजन

छोटा राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजे है। उसका जन्म मुंबई के चेंबूर इलाके की तिलक नगर बस्ती में हुआ था। स्कूल छोड़ने के बाद छोटा राजन मुंबई में फिल्म टिकट ब्लैक करने लगा। इसी बीच वह राजन नायर गैंग में शामिल हो गया। अंडरवर्ल्ड की दुनिया में नायर को ‘बड़ा राजन’ के नाम से जाना जाता था। समय के साथ राजेंद्र (छोटा राजन) बड़ा राजन का करीबी बना और उसकी मौत के बाद गैंग का सरगना बन गया। छोटा राजन जब फरार था, तब उस पर भारत में 65 से ज्यादा क्रिमिनल केस दर्ज हो चुके थे। ये मामले अवैध वसूली, धमकी, मारपीट और हत्या की कोशिश के थे। उस पर 20 से ज्यादा लोगों के मर्डर का आरोप लगा। वह जर्नलिस्ट ज्योतिर्मय डे की हत्या में दोषी पाया गया है। इसी मामले में उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

दाऊद की दोस्ती ने बढ़ाई ताकत, 1993 ब्लास्ट के बाद हुई दुश्मनी

ये वही दौर था, जब दाउद और छोटा राजन मिलकर जुर्म करते थे। राजन नायर गैंग में काम करते हुए उसे छोटा राजन बुलाया जाने लगा। इसी दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से उसकी जान-पहचान हुई। दाऊद के साथ आने के बाद उसका क्राइम ग्राफ बढ़ गया था। दोनों साथ मिलकर मुंबई में वसूली, हत्या, स्मगलिंग जैसे काम करने लगे। 1988 में राजन दुबई चला गया।

इसके बाद दाऊद और राजन दुनियाभर में गैर कानूनी काम करने लगे, लेकिन बाबरी कांड के बाद 1993 में जब मुंबई में सीरियल बम ब्लास्ट हुए तो राजन ने अपनी राह अलग कर ली। जब उसे पता चला कि इस कांड में दाऊद का हाथ है, तो वह उसका दुश्मन बन बैठा। उसने खुद को दाऊद से अलग करके नया गैंग बना लिया। 27 साल फरार रहने के बाद छोटा राजन को नवंबर 2015 में इंडोनेशिया से भारत लाया गया ।

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