देहरादून, 14 मार्च: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पूर्व निजी सचिव पीसी उपाध्याय व उसके सहयोगी सौरभ वत्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों पर टेंडर दिलाने के नाम पर दून में 03 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिनमें करीब 4.5 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है। हालांकि, ठगी के मामले में सौरभ वत्स की पत्नी नंदिनी वत्स, चालक शाहरुख खान, महेश माहरिया व सोनक के विरुद्ध भी मुकदमा दर्ज किया गया है। पीसी उपाध्याय को दून पुलिस ने, जबकि सौरभ वत्स को भीलवाड़ा (राजस्थान) पुलिस ने गिरफ्तार है। सौरभ वत्स पर वहां टेंडर दिलाने के नाम पर 15 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी है और उन पर उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश व राजस्थान में छह मुकदमे दर्ज हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह के मुताबिक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही इस मामले में भी उन्होंने सख्त से सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था। इस प्रकरण में दिनांक 09-03-2024 को राम केवल निवासी प्रोपराईटर जेआर फार्मास्युटिकल प्लॉट नंबर 27 सिडकुल हरिद्वार ने प्रकाश चंद्र (पीसी) उपायध्याय पुत्र निवासी 4 एफ लेन न0 4 कलिंका विहार मोहकमपुर के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि पीसी उपाध्याय ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर टेंडर दिलाने के नाम पर 52 लाख रुपये की ठगी की है। इस शिकायत पर कोतवाली नगर देहरादून में मु.अ.सं. 119/24 धारा 120बी/420/467/468/471/506 आईपीसी पंजीकृत किया गया। इससे पहले पटियाला के रहने वाले संजीव देव ने करीब 03 करोड़ व पटियाला के ही रजत परासर ने 1.5 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा पीसी उपाध्याय व उनके सहयोगियों के विरुद्ध दर्ज कराया जा चुका है।
एसएसपी के मुताबिक आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2022 में उसके परिचित सौरभ शर्मा उर्फ सौरभ वत्स के माध्यम से उसकी मुलाकात राम केवल पुत्र श्री राम लखन प्रोप्रराइटर JR PHARMACEUTICALS प्लॉट नंबर 27 सेक्टर 7 सिडकुल हरिद्वार उत्तराखंड से हुई। जो दवाई सप्लाई का टेंडर दिलाने के बहाने राम केवल को सचिवालय में लाया था। पीसी उपाध्याय व सौरभ वत्स के द्वारा फर्जी सूचना मैमो, जो सौरभ वत्स के हस्ताक्षर से जारी किए गए थे, के आधार पर विभिन्न मदों में खर्च होने वाली कुल 51,74,440 रुपये की राशि का फर्जी बिल बनाकर राम केवल को दिए गए। जिसको देखकर राम केवल को यकीन हो गया था कि टेंडर उसके नाम से जारी हो गया है। इसके एवज में अभियुक्तो द्वारा राम केवल से कुल 51,74,440 रुपये विभिन्न तरीके से ठग लिए गए थे।