देहरादून, 17 मई : उत्तराखंड चारधाम यात्रा के शुरुआती चरण में ही सरकार की सारी व्यवस्थाओं ने दम तोड़ दिया है। चारधाम यात्रा में बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या ने सरकार के पसीने निकाल दिए हैं। भारी संख्या में तीर्थयात्रियों को संभाल पाना सरकार और प्रशासन के बूते से बाहर हो गया है। ऐसा हम नहीं कर रहे हैं, बल्कि इसकी तस्दीक खुद पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज कर रहे हैं। दुबई से लौटने से बाद उन्होंने उत्तराखंड चारधाम यात्रा का जो हाल देखा, उसके बाद उन्होंने एक बड़ा बयान दिया है। जिसके मायने निकाले जाए तो धामी सरकार ने चारधाम यात्रा को लेकर सरेंडर कर दिया है।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज करीब एक हफ्ते बाद हाल ही में दुबई दौरे से लौटे हैं। इसके बाद उन्होंने चारधाम यात्रा पर उठ रहे सवालों के बीच अधिकारियों के साथ बैठक की और पूरे मामले की जानकारी ली। अधिकारियों से उन्होंने क्या बातचीत की, इसको लेकर तो कुछ भी साफ नहीं हो पाया है। लेकिन इतना जरूर है कि चारधाम यात्रा के संचालन में सरकार, शासन और प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं.चारधाम में न तो यात्रियों के रहने के कोई खास इंतजाम हो पाए हैं और न ही अन्य व्यवस्थाएं सरकार जुटा पाई है।
जमीनी हकीकत से दूर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री वैसे तो दुबई तक में जाकर खुद चारधाम यात्रा पर आने के लिए लोगों को निमंत्रण देकर आए हैं। लेकिन जैसे ही वे दुबई दौरे से उत्तराखंड पहुंचे तो स्थिति देख उनके भी हाथ-पांव फूल गए और उन्होंने चरमराती व्यवस्थाओं के बीच हथियार डालना शुरू कर दिया है। सतपाल महाराज ने खुद कहा है कि वे चारधाम यात्रा को धीमी करने जा रहे हैं। इस बारे में उन्होंने खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात भी की है।
हालात इतने खराब है कि केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर भी जाम लग रहा है। पैदल मार्गों पर तीर्थयात्रियों को चलना मुश्किल हो रहा है। सरकार के लिए सबसे ज्यादा चुनौती चारधाम यात्रा में मरने वाले श्रद्धालुओं की है. चारधाम में अभी तक 40 तीर्थयात्री दम तोड़ चुके हैं। अधिकतर श्रद्धालुओं की मौत बीमारी के कारण हुई है, लेकिन मौत का कारण समय पर इलाज नहीं मिलना भी रहा है। यही कारण है कि पीएमओ ने खुद चारधाम यात्रा में दम तोड़ रहे तीर्थयात्रियों का संज्ञान लिया और व्यवस्थाओं को जिम्मा एनडीआरएफ और आईटीबीपी के हवाले कर दिया। ऐसा पहली बार हुआ है, जब एनडीआरएफ और आईटीबीपी को चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में शामिल किया गया है।
हरिद्वार से लेकर ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी से इस तरह की खबरें आ रही हैं कि चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालु बेहद परेशानी महसूस कर रहे हैं। लिहाजा सब बातों को देखकर अब सतपाल महाराज को यह लगता है कि चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या वहां की कैपेसिटी के हिसाब से तय होनी चाहिए। यानी जो हजारों श्रद्धालु हरिद्वार और ऋषिकेश एवं अन्य यात्रा मार्गाे पर चल रहे हैं, उन्हें और इंतजार करना पड़ सकता है। उत्तराखंड में विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा की रफ्तार अब धामी सरकार धीमी करने जा रही है. इसको लेकर खुद पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा की। सतपाल महाराज की माने तो राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उनकी बातों पर सहमति जताई है और आने वाले दिनों में सरकार इस ओर कदम बढ़ाने जा रही है।
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