उत्तराखंड में चार धाम और हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तिथियां इस प्रकार है !


यमुनोत्री :- 03 मई
गंगोत्री :- 03 मई
केदारनाथ :- 06 मई
बद्रीनाथ :- 08 मई
हेमकुंड :-22 मई

यात्रा शुरू होने में अब केवल 5 दिन शेष बचे हैं, ऐसे में सरकार कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार यात्रा से पहले एक नई एसओपी जारी कर सकती है। यात्रा के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से यात्री उत्तराखंड आएंगे। ऐसे में सरकार नहीं चाहती की यात्रियों के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस की भी एंट्री हो। इसलिए सरकार हर तरह की सावधानी बरतना चाहती है। इस यात्रा के लिए भी संभवत: यात्रियों को 72 घंटे पहले की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया जा सकता है।

चारधाम यात्रा को लेकर इस बार देश दुनिया से आने वाले तीर्थ यात्रियों में खासा उत्साह है। यात्रा शुरू होने से एक महीने पहले ही होटलों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के गेस्ट हाउसों में ऑनलाइन बुकिंग फुल हो गई है।इससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि दो साल के बाद चारधाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों का रिकॉर्ड टूट सकता है। वहीं, केदारनाथ हेली सेवा की 15 दिनों के लिए ऑनलाइन बुकिंग फुल हो गई है। वहीं, यात्रा को लेकर तीर्थ यात्रियों के उत्साह को देखते हुए पर्यटन व्यवसायियों के चेहरे खिल गए हैं। इस साल चारधाम यात्रा तीन मई से शुरू हो रही है। अक्षय तृतीया के अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही चार धाम यात्रा का शुभारंभ किया जाएगा। इसी के पश्चात 6 मई को केदारनाथ धाम के कपाट और 8 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे। सरकार ने इस बार यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की जानकारी के लिए एक नई पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत सभी चार धाम यात्रियों को एक कलाई बैंड के ज़रिए कोड प्रदान किया जाएगा। इस कोड को स्कैन कर यात्रियों की जानकारी रखी जा सकेगी। बावजूद इसके प्रदेश में अब तक कोई एहतियाती कदम नहीं उठाया जाना चिंताजनक है। जबकि, पड़ोसी राज्यों में सरकारें अलर्ट मोड पर आ गई हैं।

राज्य में पर्यटन सीजन की शुरुआत हो चुकी है। चंद रोज में चारधाम यात्रा का आगाज भी हो जाएगा। इन हालात में सतर्कता बरतना बेहद आवश्यक हो गया है। जरूरी है कि बाहर से आने वालों की जांच शुरू की जाए।यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह पालन होता रहे। महामारी अभी खत्म नहीं हुई है, सिर्फ इसकी रफ्तार मंद पड़ी है। इस नाजुक वक्त में थोड़ी सी लापरवाही भी भविष्य के लिए घातक साबित हो सकती है। यह बात आमजन को भी समझनी होगी। प्रधानमंत्री ने बुधवार को कोविड को लेकर देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री धामी व स्वास्थ्य मंत्री वर्चुअल माध्यम से जुड़े। इसके बाद सचिवालय में अधिकारियों की बैठक लेते हुए सीएम ने निर्देश दिए कि संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड के अनुरूप व्यवहार का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। आगामी चारधाम यात्रा को देखते हुए प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार सतर्क हो गई है। बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की कोविड जांच की जाएगी। इसके लिए जल्द राज्य आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एसओपी जारी की जाएगी। इसके अलावा कोविड सैंपल जांच दोगुनी की जाएगी। भारत में एक बार फिर तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण मामलों के मद्देनज़र सरकार ने 3 मई से शुरू हो रहे चार धाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा निर्देशों के अनुरूप अब कोरोना परीक्षण की नकारात्मक आरटीपीसीआर रिपोर्ट अपने साथ रखना बेहद ही आवश्यक है। बगैर कोरोना की नकारात्मक रिपोर्ट के किसी को भी चार धाम यात्रा की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। कोरोना संक्रमण के आ रहे सकारात्मक मामलों के बीच फिलहाल सरकार ने चार धाम यात्रा को लेकर पूरी तैयारियां कर ली हैं। हालांकि, इसके बावजूद श्रद्धालुओं को संक्रमण के मद्देनज़र पूरी एहतियात बरतने और कोरोना 19 दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।बीते 2 साल से कोरोना संक्रमण के चलते ही चार धाम यात्रा पूरी तरह से बाधित थी लेकिन इस बार पूर्ण तैयारियों ऐसे में प्रशासन के समक्ष भी चार धाम यात्रा सही रूप से सम्पन्न कराने को लेकर बड़ी जिम्मेदारी है।

सभी यात्रियों को अब आरटी-पीसीआर रिपोर्ट के साथ आना होगा। यह खबर उन यात्रियों के लिए अहम है तो चार धाम यात्रा का रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। अब उन यात्रियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट भी कराना होगा। हालांकि यह रिपोर्ट कितने वक्त ही होगी, कितनी देर पहले की रिपोर्ट मान्य होगी इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी सामने नहीं आई है। चार धाम की यात्रा पर इस संख्या में भारी तादाद में श्रद्धालुओं के जाने के उम्मीद है। चार धाम यात्रा पोर्टल पर अब तक डेढ़ लाख से ज्यादा श्रद्धालु यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे में सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान कोरोना के बढ़ते मामलों पर है. यात्रा के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से यात्री उत्तराखंड आएंगे। ऐसे में सरकार नहीं चाहती की यात्रियों के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस की भी एंट्री हो। इसलिए सरकार हर तरह की सावधानी बरतना चाहती है। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते अब सरकार भी एक्शन में आ गई है। लगातार बढ़ते कोरोना केस के बीच अब सरकार जल्द ही कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक और बूस्टर डोज के बीच के अंतराल को कम कर सकती है। एसओपी के अनुसार कोरोना के नए स्वरूप से बचाव के लिए अब बार्डर, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, भीड़भाड़ वाले स्थानों और पर्यटक स्थलों पर रेंडम जांच की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हो पाई है।

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला ( दून विश्वविद्यालय)

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