उत्तराखंड राज्य के लिए सुखद स्थिति है। उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सुधारने का यह सुनहरा अवसर है। यह तभी संभव है जब हम अतिथि देवो भव: की भावना के साथ श्रद्धालुओं को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराएं। यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं को सुविधाएं दिया जाना हमारा कर्तव्य है।चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले दावा किया गया था कि चारों धामों पर देहरादून से बराबर नजर बनी रहेगी। इसके लिए धामों में 15 सर्विलांस कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन ये देहरादून स्थित कंट्रोल रूम से जुड़ ही नहीं पा रहे हैं। चारों धामों में कमजोर संचार नेटवर्क को इसका कारण बताया जा रहा है। परिणामस्वरूप कंट्रोल रूम केवल यात्रियों को सलाह देने और पंजीकरण के आंकड़े जुटाने तक सीमित होकर रह गया है।
पर्यटन विभाग ने चारधाम यात्रा के दृष्टिगत टूरिस्ट सेफ्टी मैनेजमेंट सिस्टम (टीएसएमएस) लागू किया है। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) में बाकायदा इसका कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। इसका जिम्मा एक कंपनी को सौंपा गया है। टीएसएमएस के अंतर्गत यात्राकाल में चारों धामों पर नजर रखने को यमुनोत्री व गंगोत्री में तीन-तीन, केदारनाथ में चार और बदरीनाथ में पांच सर्विलांस कैमरे लगाए गए। ये सभी कंट्रोल रूम से जुड़े हैं और पूर्व में इनका सफल ट्रायल भी हुआ। चारधाम यात्रा शुरू होने पर एक-दो दिन कंट्रोल रूम से धामों पर नजर रखी गई, लेकिन बाद में कमजोर संचार नेटवर्क इस राह में बाधक बन गया। इसी तरह की दिक्कत चार धाम यात्रा मार्गों पर लगाए गए क्राउड गैदरिंग एसेसमेंट कैमरों के मामले में भी है।कंट्रोल रूम के प्रभारी के अनुसार नेटवर्क की दिक्कत के कारण सर्विलांस कैमरे कंट्रोल रूम से नहीं जुड़ पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे भी टीएसएमएस की व्यवस्था अभी शुरुआती दौर में है। इसके लिए संसाधन समेत व्यवस्था जुटाई जा रही है। द्वितीय चरण में यह व्यवस्था पूरी तरह से सक्रिय हो जाएगी। जहां तक संचार नेटवर्क का प्रश्न है तो इस बारे में उच्च स्तर पर अवगत कराया जा रहा है। कंट्रोल रूम में प्रतिदिन पांच सौ से अधिक फोन काल आ रही हैं। कंट्रोल रूम से बताया गया कि यात्रियों को फोन पर पंजीकरण आदि के बारे में जानकारी और सलाह दी जा रही है। यदि किसी यात्री की कोई समस्या है तो उसे संबंधित विभाग को संदर्भित किया जा रहा है। साथ ही कंट्रोल रूम में यात्रियों के पंजीकरण का ब्योरा भी रखा जा रहा है। चारधाम यात्रा के लिए अभी तक 24 हजार से अधिक निजी और सार्वजनिक वाहनों का पंजीकरण हो चुका है।
कंट्रोल रूम से बताया गया कि इसका भी ब्योरा रखा जा रहा है। चारधाम यात्रा के मद्देनजर आफलाइन पंजीकरण को 18 केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। इनमें हरिद्वार, देहरादून व चमोली जिलों में दो-दो, रुद्रप्रयाग में तीन, उत्तरकाशी में पांच, पौड़ी जिले में एक और उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड की सीमा पर तीन केंद्र स्थापित किए गए हैं। गुजरात, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु, बंगाल, महाराष्ट्र के यात्रियों का आवागमन भी बढ़ गया है। चारधाम यात्रा पर जाने के लिए सरकार ने यात्रियों से पंजीकरण कराने की अपील की है। इसके चलते सोमवार को यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु के पास स्थित राही मोटल में बने पयर्टन विभाग के यात्रा पंजीकरण कार्यालय में पहुंचे लेकिन सर्वर डाउन होने के कारण परेशान रहे। वहीं रेलवे स्टेशन हरिद्वार पर बनाया गया यात्रा पंजीकरण केंद्र पूरी तरह से खाली नजर आया।और ज्यादा मजबूत संचार करने की जरूरत है।
ये लेखक के निजी विचार हैं !
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला ( दून विश्वविद्यालय )