रुद्रप्रयाग, बारिश से सरकार और प्रशासन की यात्रा व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। भारी बारिश के बीच एक ओर केदारनाथ यात्रा रोक दी गई, वहीं शहरी कस्बों के साथ ही जगह-जगह यात्रा मार्ग और पड़ावों पर यात्रियों को बारिश में भीगने को मजबूर होना पड़ा। यहां तक कि बड़ी संख्या में यात्रियों ने सोमवार रात खुले आसमान के नीचे रात काटी। खराब मौसम के कारण रविवार सुबह 11 बजे केदारनाथ यात्रा रोक दी गई थी। धाम से कई यात्रियों, जिन्होंने दर्शन कर लिए थे, उन्हें सोमवार व मंगलवार को गौरीकुंड, सोनप्रयाग भेज दिया गया था। सोमवार को जिला मुख्यालय में देर शाम तक बड़ी संख्या में यात्री पहुंच गए। उन्हें कमरों के लिए परेशानी झेलनी पड़ी। कई यात्रियों को खुले आसमान के नीचे रात काटनी पड़ी। जब एसडीएम सदर से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि यात्रियों के लिए सुमेरपुर, नगरासू, तिलवाड़ा व अगस्त्यमुनि के होटल में व्यवस्था की गई है। तेज बारिश में और भूस्खलन में यात्री वहां तक कैसे पहुंचें इसका जवाब किसी के पास नहीं था।
चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कभी ई-पास की बाध्यता ने उन्हें बैरंग लौटने पर मजबूर किया तो अब मौसम की बेरुखी के बीच कमरे के किराए से लेकर भोजन, टैक्सी के नाम पर मनमानी वसूली के मामले सामने आ रहे हैं। यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि केदारनाथ में एक कमरे के 6 से 9 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं। पानी की बोतल 200 रुपये, कोल्डड्रिंक 80 रुपये और हाफ प्लेट मैगी 50 रुपये में मिल रही है। ये सब धाम तक ही सीमित नहीं है बल्कि यात्रा के मुख्य पड़ाव सोनप्रयाग से गुप्तकाशी तक कई टैक्सी-मैक्सी चालकों द्वारा 250 से 300 रुपये प्रति व्यक्ति किराया लिया जा रहा है। इस संबंध में डीएम ने एआरटीओ को पहले भी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। बाबा केदार के दर्शन कर लौटी एक यात्री ने बताया कि उनके परिवार के छह लोग यात्रा पर आए थे।केदारनाथ में उनसे एक कमरे के 9 हजार रुपये लिए गए। यात्री मयंक व रजत ने बताया कि वे तीन दिन पूर्व केदारनाथ यात्रा के लिए आए थे लेकिन जिस तरह से टॉफी, पानी, बिस्कुट से लेकर नाश्ता व भोजन की दरें हैं उससे आम यात्री का पानी पीना भी मुश्किल है।
चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों को बीते दो दिनों में कई बुरे अनुभवों से गुजरना पड़ा है। एक ओर अपने गतंव्य न पहुंचने से परेशानियां उठानी पड़ी। वहीं दूसरी ओर बारिश ने उन्हें और भी मुश्किलों में डाल दिया। रविवार और सोमवार को बारिश के बीच कई जगहों पर सड़कें बंद होने से यात्री परेशान रहे तो, प्रमुख शहर और कस्बों में रात रुकने के लिए जगह ही नहीं मिल पाई। बड़ी संख्या में यात्री सड़कों पर कमरों की खोज में घूमते नजर आए। यह स्थिति रुद्रप्रयाग से लेकर केदारनाथ तक कई स्थानों पर देखने को मिली। नगर मुख्यालय में लोगों ने यात्रियों की परेशानियों से जुड़ी पोस्टें भी सोशल मीडिया पर साझा की ताकि स्थानीय स्तर पर भी उन्हें मदद मिल सके। सूत्रों के मुताबिक रुद्रप्रयाग में बीती रात करीब 250 से अधिक यात्री बिना कमरे के परेशान रहे। तिलवाड़ा, अगस्त्यमुनि, ऊखीमठ, गुप्तकाशी, सोनप्रयाग, गौरीकुंड और केदारनाथ में भी यात्री ठहरने के साथ ही खाने-पीने के लिए परेशान रहे। वहीं दूसरी ओर यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए कुछ स्थानों पर व्यापारियों ने भी मदद की।