Category: वन एवं पर्यावरण

हसदेव के जंगल: एक पौधा मां के लिए और पूरा जंगल ‘अब्बा’ के नाम ! हे मेरे राम, ये कैसा काम ?

आलेख : संजय पराते यह हमारे समय का प्रहसन ही है कि एक ओर मोदी सरकार ‘जय श्रीराम’ के कानफाड़ू…

मानव-वन्यजीव संघर्षो को नियंत्रित करने को 5 गांवों को चिन्हित करने के निर्देश

देहरादून, 21 नवम्बर : अपर मुख्य सचिव आनन्दवर्धन ने मानव-वन्यजीव संघर्ष को समाप्त करने हेतु पायलट प्रोजेक्ट के तहत 5…

पहाड़ों की हरितक्रांति का पर्व है हरेला

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला उत्तराखंड आदिकाल से अपनी परम्पराओं और रिवाजो द्वारा प्रकृति प्रेम और प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी…

प्रसिद्ध कुमाऊंनी लोकगायक गोपाल बाबू जिनके गीतों में बहती है पर्यावरण संरक्षण की बयार

उत्तराखंड का इतिहास पर्यावरण संरक्षण का रहा है और पेड़ों को काटने का जब-जब जिक्र आता है तब-तब चिपको आंदोलन…