देहरादून : सहस्त्रधारा से आईएसबीटी रुट के परमिट पर चल रही बसो की मनमानी अपने चरम पर पहुंच गई है । परिवहन विभाग ने इन बसो को सहस्त्रधारा से आईएसबीटी तक का परमिट जारी किया था मगर बस मालिकों की हठधर्मिता के चलते आज तक यह बसे परेड ग्राउंड से आगे नहीं जाती। यात्रियों के बार-बार कहने के बावजूद बस मालिकों बस को आईएसबीटी तक ले जाने को तेयार नहीं हैं । इतना ही नहीं इस रूट की बसों में किराया लेकर भी टिकट जारी नहीं किया जाता, जिसके चलते यात्री दोगुना 3 गुना किराया देने को मजबूर हो जाते हैं। इस रूट की सभी बसों में ड्राइवर और परिचालक की मनमानी चलती रहती है। परिचालक के मनमर्जी का किराया ना देने पर या टिकट मागने पर बस मे मौजूद बस स्टाफ मारपीट करने तक मे गुरेज नही करते और तो और इन बसो के चलने का कोई समय निर्धारित नही होता । जब तक बस मे सीटे नही भरती तब तक बस टस से मस नही होती। शादी ब्याह के सीजन मे तो आधे से ज्यादा बसे बारात ढोने मे लग जाती है और रोजमर्रा सफर करने वाले स्थानीय लोग एक एक घंटे तक बसो का इतजार करते रहते है, जिसके चलते बच्चे समय से स्कूल और प्राइवेट नौकरी करने वाले अपने आफिस समय से नही पहुच पाते ।
कहने को तो बस मालिको ने मिल कर अपनी युनियन भी बना रखी है लेकिन मजाल है आज तक किसी भी यात्री की समस्या का समाधान युनियन ने किया हो। अगर कभी किसी यात्री का सामान बस मे छूट जाता है तो उसका सामान वापस दिलवाने मे मदद के बजाय उसको इतने कानून बता देते है कि वो खुद ही अपना माथा पीट लेता है। बस में मौजूद बस स्टाफ जिसमे कम से कम तीन लोग तो होते ही है जरा-जरा सी बात पर बदतमीजी और मारपीट पर उतारू हो जाते है अब चाहे वो यात्री स्थानीय हो या पर्यटक इनकी बदतमीजी का शिकार बनता ही है। जहा एक तरफ सरकार अतिथि देवो भवः कहती है वही इन बसो मे मौजूद बस स्टाफ सीधे सीधे इस कथन को पलीता लगा रहे है।