विपक्ष ने विधानसभा परिसर के बाहर दिया धरना
चमोली, भराड़ीसैंण में विधानसभा का बजट सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार रहा। उत्तराखंड बजट सत्र का तीसरे दिन लाठीचार्ज और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। नंदप्रयाग घाट रोड को डेढ़ लेन चौड़ीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में विपक्षी खेमे ने कार्यवाही शुरू होने से पहले ही धरना दिया। उन्होंने पुलिस द्वारा की गई लाठीचार्ज को गलत बताया। वहीं, इस प्रकरण पर कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने भी निंदा की। उन्होंने कहा कि सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे चुके हैं। जो गलत होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले में कांग्रेस विधायक गोविंद कुंजवाल ने भी महिलाओं और आन्दोलनकारियों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा की है।
मसूरी में आंदोलनकारियों ने किया लाठीचार्ज के विरोध में प्रदर्शन
मसूरी, गैरसैंण लाठीचार्ज के विरोध में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने मसूरी के शहीद भगत सिंह चौक पर प्रदर्शन किया गया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा जो बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की गई है, वह निंदनीय और अशोभनीय है। सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। जिस प्रदेश की अवधारणा को लेकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था, वह आज अफसरशाही और माफियाओं का गढ़ बन चुका है।
आज सरकार जनता के साथ छलावा कर रही है। राज्य की जनता आने वाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी।वही रामनगर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गैरसैंण में पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के विरोध में नगर पालिका स्थित गांधी जी की प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर सरकार की सद्बुद्धि के लिए प्रार्थना की। आप कार्यकर्ताओं ने प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत के नेतृत्व में रानीखेत रोड पर त्रिवेंद्र सरकार का पुतला दहन किया। आप प्रदेश उपाध्यक्ष शिशुपाल रावत ने कहा कि देवभूमि में पहली बार इस तरह का कृत्य हुआ। सड़क की मांग को लेकर जब वह लोग भराड़ीसैंण जा रहे थे तो, त्रिवेंद्र सरकार ने पुलिस को आगे कर उन पर लाठीचार्ज करवाया और पानी की बौछार भी करवाई। इससे कई महिलाएं व आंदोलनकारी घायल हो गए। आम आदमी पार्टी मांग करती है कि त्रिवेंद्र सरकार को तुरंत देवभूमि की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
लाठीचार्ज के विरोध में यूकेडी ने किया प्रदर्शन
देहरादून, उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज के विरोध में पार्टी संरक्षक काशी सिंह एरी के नेतृत्व में घंटाघर स्थित स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उत्तराखंड क्रांति दल के मुख्य संरक्षक काशी सिंह ऐरी ने भी भराड़ीसैंण में हुए लाठीचार्ज की घोर निंदा करते हुए सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सीएम को लाठीचार्ज की जांच का नाटक बंद करके तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। क्योंकि उन्होंने जन भावनाओं का अनादर किया है। काशी सिंह ऐरी का कहना है कि 2022 के चुनाव में बीजेपी की विदाई तय है। गैरसैंण लाठीचार्ज के विरोध में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने मसूरी के शहीद भगत सिंह चैक पर प्रदर्शन किया गया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा जो बर्बरता पूर्ण कार्रवाई की गई है, वह निंदनीय और अशोभनीय है। सरकार को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। जिस प्रदेश की अवधारणा को लेकर उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ था, वह आज अफसरशाही और माफियाओं का गढ़ बन चुका है। आज सरकार जनता के साथ छलावा कर रही है. राज्य की जनता आने वाले चुनाव में भाजपा को सबक सिखाएगी।
भराड़ीसैंण में हुए लाठीचार्ज के विरोध में कांग्रेस ने दिया धरना
देहरादून, भराड़ीसैंण में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं। इसी क्रम में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने देहरादून के गांधी पार्क में सांकेतिक उपवास रखते हुए धरना दिया। साथ ही लाठीचार्ज मामले में कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का कहना है कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि पहाड़ों की महिलाओं पर लाठीचार्ज करने के साथ ही वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया है। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासियों की सड़क चैड़ीकरण की छोटी सी मांग को त्रिवेंद्र सरकार पूरा करने की बजाय, लोगों पर लाठीचार्ज करवा रही है। मुख्यमंत्री बजाय दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के ठीक उलट, यह तर्क दे रहे हैं कि पहले किसने हमला किया. साथ ही वह वीडियो दिखाया जा रहा है, जिसमें कुछ ग्रामीण आक्रोश में हैं। स्वाभाविक है कि जब उनकी माताओं-बहनों पर लाठीचार्ज किया गया तो वे पुलिस से टकराव कर रहे हैं। उसमें सरकार यह दिखाकर पुलिस लाठीचार्ज को जायज ठहरा रही है। उत्तराखंड की महिलाएं सीएम त्रिवेंद्र सिंह को कभी माफ नहीं करेंगी।
मु0मं0 त्रिवेंद्र रावत ने आंदोलनजीवी कह कर उड़ाया आंदोलकारियों का उपहास