देहरादून, उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन विपक्ष ने गैरसैंण राजधानी को लेकर सदन में हंगामा किया। विपक्ष का कहना था कि सरकार गैरसैंण राजधानी के मसले पर अपना रूख स्पष्ठ करें। सत्ताधारी दल के नेता राजधानी के मसले पर विरोधाभासी दबयानबाजी कर रहे हैं जिससे कि जनता में रोष है। विपक्ष का कहना था कि गैरसैंण के मसले को लटकाकर न रखा जाए।
पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष ने गैरसैंण राजधानी का मसला उठा दिया। विपक्षी सदस्य अपने स्थानों पर खड़े होकर सरकार से गैरसैंण पर स्थिति स्पष्ठ करने की मांग करने लगे। उनका कहना था कि प्रदेश को बने 18 वर्ष हो गए हैं लेकिन अभी तक राजधानी का मसला हल नहीं हो पाया है। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा ह्रदयेश, चकराता विधायक प्रीतम सिंह, गोविंद सिंह कुंजवाल, करन माहरा, राजकुमार, निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार का कहना था कि सत्ताधारी दल के नेता गैरसैंण राजधानी के मसले पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं, जिस कारण लोगों में रोष पैदा हो रहा है। विपक्ष का कहना था गैरसैंण मुद्दे पर नियम-310 के तहत चर्चा कराई जाए। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा गैरसैंण के मसले पर नियम-58 के तहत चर्चा कराए जाने की व्यवस्था दिए जाने के बाद विपक्ष शांत हुआ। नेता प्रतिपक्ष डा. इंदिरा हरदयेश का कहना था कि सत्ताधारी दल के नेताओं के बयान आ रहे कि गैरसैंण को ग्रीमष्मकालीन राजधानी बनाया जाएगा, यदि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया जाता है तो फिर स्थायी राजधानी कहां बनेगी। निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार का कहना था कि गैरसैंण राजधानी का मसला जनता की भावनाओं से जुड़ा हुआ है, इसलिए सरकार गैरसैंण को प्रदेश की स्थायी राजधानी घोषित करें।