रुद्रपुर, जिला पूर्ति अधिकारी श्याम आर्या ने कहा कि दुकान निरस्त होने के फलस्वरूप सस्ता गल्ला विक्रेता मुकेश कुमार द्वेष भावना से ग्रस्त होकर अनर्गल बयानबाजी कर विभाग की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं। पत्रकार वार्ता में डीएओ ने कहा कि वार्ड 5 खेड़ा के निवासियों ने एडीएम नजूल को दिये गये शिकायती पत्र में कहा था कि सस्ता गल्ला विक्रेता मुकेश कुमार राशन नहीं देते और अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। डीएम की अध्यक्षता में आयोजित जनसुनवाई दिवस में भी राशनकार्ड धारकों ने विक्रेता पर  राशन न दिये जाने के संबंध में शिकायत की थी जिसमें इसकी जांच डीएम ने एसडीएम को सौंपी थी जिसके फलस्वरूप एसडीएम ने पूर्ति निरीक्षक के साथ 24 अगस्त को राशन सस्ता गल्ला विक्रेता मुकेश की दुकान पर छापा मारा थाा जहां वह एक व्यक्ति के साथ आपूर्ति विभाग पर अनावश्यक दबाव बनाने की नीयत से एक व्यक्ति की तरफ से मनगढ़ंत शिकायती पत्र बनाते पाये गये जिसे मौके पर एसडीएम ने जब्त कर लिया।

   निरीक्षण में विक्रेता की दुकान पर नोटिस बोर्ड पर आवश्यक वस्तुओं के मूल्य का अंकन नहीं किया गया था और अलग अलग तिथियों में एक ही दिन में 630, 551,596 राशनकार्ड धारकों को गेहूं एवं चावल का वितरण किया जाना बिक्री अभिलेखों में दर्शाया था जो संभव नहीं है। विक्रेता द्वारा आवंटित खाद्यान्न की मात्र का अभिलेखों में फर्जी इन्द्राज कर कालाबाजारी की गयी। निरीक्षण में उनसे तीन वर्षों के अभिलेख मांगे गये जो उपलब्ध नहीं पाये गये और न ही एसडीएम द्वारा मांगने पर प्रस्तुत किये गये। निरीक्षण के दौरान विक्रेता व उसके परिजनों ने जांच टीम के साथ अभद्रता की। जांच टीम ने राशन कार्ड धारकों के घर जाकर सम्पर्क कर राशन कार्डों का अवलोकन एवं उनके बयान लिये जिसमें कार्डधारकों द्वारा विक्रेता का व्यवहार ठीक न होना, लड़ाई झगड़ा करना, माह में दो या तीन दिन दुकान खोलना और खाद्यान्न न देना सम्बन्धी बयान दिये गये जिसकी रिकार्डिंग की गयी। कुछ कार्डधारकों ने विक्रेता के डर से बयान देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान विक्रेता की दुकान पर कार्डधारकों के राशनकार्ड भी पाये गये जिसे जांच अधिकारी ने जब्त कर लिया। भौतिक सत्यापन में विक्रेता ने दुकान पर उपलब्ध गेहूं एवं चावल के कट्टों की गिनती में कोई सहयोग नहीं किया। श्री आर्या ने कहा कि दुकान में पायी गयी अनियमितताओं के चलते कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए 23 बिन्दुओं पर एक सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने के निर्देश दिये लेकिन विक्रेता ने कोई जबाब न देकर 15 दिन का समय चाहा और निर्धारित समय में भी अपना पक्ष नहीं रखा। दोबारा स्पष्टीकरण मांगने पर विक्रेता ने अपना पक्ष रखा। परीक्षण के बाद पाया गया कि विक्रेता लगाये गये आरोपों का प्रतिउत्तर संतोषजनक नहीं दे पाया जिसके फलस्वरूप उसकी दुकान का अनुबन्ध पत्र निरस्त कर दिया गया जिसके चलते उन्होंने कालाबाजारी के सम्बन्ध में अनर्गल बयानबाजी की। श्री आर्या ने कहा कि रूद्रपुर क्षेत्रंतर्गत कार्यरत मिट्टी तेल थोक विक्रेता मैसर्स गर्ग ऑयल कम्पनी द्वारा 3 अक्टूबर 2016 को स्वैच्छिक त्यागपत्र दिये जाने के फलस्वरूप वर्तमान में कोई भी मिट्टी तेल थोक विक्रेता कार्यरत नहीं है तथा तब से मिट्टी तेल का आवंटन प्राप्त नहीं हो रहा। उसके बाद से सस्ता गल्ला विक्रेताओं को लगभग दो वर्षों से मिट्टी तेल का आवंटन जारी नहीं किया गया जिससे कालाबाजारी का प्रश्न ही नहीं उठता।