देहरादून, राज्य के सिंचाई एवं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से देहरादून के गढ़ी कैंट स्थित पर्यटन मुख्यालय में नेपाल के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस अनौपचारिक मुलाकात में दोनों देशों के बीच पर्यटन प्रोत्साहन, कैलाश मानसरोवर यात्रा, होमस्टे, अवसंरचना विकास तथा दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही बढ़ाने सहित विभिन्न विषयों पर बातचीत हुई।

पत्रकारों को संबोधित करते हुए पर्यटन मंत्री ने कहा कि नेपाल तथा भारत के बीच प्रगाढ़ सांस्कृतिक, राजनीति तथा सामाजिक संबंध रहे हैं। दोनों देशों की आर्थिकी एक दूसरे से भौगोलिक रूप से जुड़ी रही है। उन्होंने कहा कि धनगढ़ी के लिए बस सेवा शुरू करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही टनकपुर स्थित पूर्णागिरि धाम से सिद्ध बाबा की यात्रा के लिए बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा कि भारत के धारचूला और नेपाल के दार्चुला को जोड़ने वाला पुल काफी पुराना हो चुका है और इस पर एक नया पुल बनाने की आवश्यकता है जिससे कि दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही आसान हो सके. उन्होंने बताया कि इस संबंध में उनके द्वारा विदेश मंत्रालय से अवश्य संपर्क स्थापित किया गया है. उन्होंने कहा कि नेपाल से बहुत सारे लोग इलाज करवाने के लिए भारत आते हैं भारतीय अस्पतालों में उनके इलाज के लिए बेहतर प्रबंध किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत नेपाल सीमा पर सहासिक पर्यटन की अपार संभावनाओं से भरे हुए कई महत्वपूर्ण और दर्शनीय  गंतव्य स्थित है.  राज्य सरकार की योजना है कि इन स्थानों पर होमस्टे क्लस्टर विकसित करते हुए पर्यटकों को यहां आने के लिए आमंत्रित किया जाए और इन्हें नए पर्यटक गंतव्य के रूप में स्थापित किया जाए। पर्यटन मंत्री ने पत्रकारों को बताया कि एक अज्ञात चोटी की खोज कर उसका नाम भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई के नाम पर रखे जाने की योजना है। जिसके लिए राज्य के कुछ पर्वतारोही उस चोटी की खोज पर बहुत जल्द निकलने वाले हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा, आदि कैलाश तथा पंचेश्वर बांध योजना पर भी प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता की। नेपाली प्रतिनिधिमंडल में नेपाल के पर्यटन सचिव सुधीर कुमार कोइराला, पर्यटन विशेषज्ञ अनु कुमारी लामा आदि सम्मिलित रहे।