चमोली देवभूमि खबर । टाटा ट्रस्ट की हिमोत्थान परियोजना के तहत आयोजित जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक जिलाधिकारी आशीष जोशी की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में संपन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने सोसायटी के अधिकारियों को विभागीय योजनाओं की कार्य योजना के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने योजनाओं की उपयोगिता एवं महत्व का आंकलन करने के निर्देश दिये। सोसायटी के अधिकारियों को पायलेट प्रोजेक्ट की जानकारी सभी विभागों के साथ साझा करने तथा तहसील एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों के साथ तालमेल बनाने को कहा। परियोजना के तहत आने वाले गांवों में शत प्रतिशत शौचालय निर्माण में सहयोग करने को कहा। मनरेगा के साथ कन्वर्जेन्स कर अधिक से अधिक मानव दिवस सृजित करने को कहा। पानी की समस्या को हल करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग टैंक बनाने को कहा। स्थानीय उत्पादों को स्थानीय बाजरों में त्रिसूली के नाम से बेचने पर जिलाधिकारी ने कहा कि स्थानीय उत्पादों को हिमानी ब्रान्ड से ही स्थानीय बाजारों में सेल किया जाय। हालांकि बाहरी राज्यों में संस्था किसी भी ब्रान्ड से सेल कर सकता है। उन्होंने मनरेगा, कृषि, पशुपालन, उद्यान, शिक्षा, स्वच्छता अभियान में विभागीय योजनाओं के साथ बेहतर तालमेल बनाते हुए कार्य करने के निर्देश दिये। चारा बैंक, वर्मी कम्पोस्ट पिट बनाने के हेतु पशुपालन विभाग से समन्वय बनाकर कार्य करने को कहा। वाॅल पेन्टिंग एवं अन्य आजीविका से जुड़ें कार्यो में स्वयं सहायता समूहों को आवश्यक प्रशिक्षण देकर तैयार करने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि कृषि, कृषि उद्योग व वन्य क्षेत्रों के क्रियाकलापो से बडी मात्रा में अवशिष्ट पैदा होता हैं। उन्होंने जिले की किसी भी एक बडी ग्रामसभा में बायोमास से ऊर्जा उत्पादन हेतु प्रोजेक्ट का प्रस्ताव तैयार करने को कहा। उन्होंने संस्था को जिले के कम से कम 25 गांवों में शत प्रतिशत शौचालयों का निर्माण करने तथा ठोस अपशिष्ट एवं तरल पदार्थो के प्रबन्धन कार्य में सहयोग करने को कहा। हिमोत्थान परियोजना के अधिकारी डा. राजेन्द्र सिंह कोश्यारी ने बताया कि ट्रस्ट के माध्यम से जिले में पशुपालन, खेती, उद्यान, शिक्षा के क्षेत्र में आजीविका आधारित परियोजनाऐं संचालित की जा रहा है। खेती क्षेत्र में उन्नत बीज उत्पादन तकनीकि का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। पशुपालन के तहत दुग्ध उत्पादन बढाने तथा चारा पत्ती उत्पादन को बढावा देने हेतु कार्य किया जा रहा है। फेडरेशन के माध्यम से खाद्य प्रशिक्षण इकाई संचालित की जा रही है। हिमोत्थान परियोजना के तहत जिले में 20 पार्टनर एनजीओ के साथ मिलकर कार्य किया जा रहा है। खेती, पेयजल, शिक्षा, पशुधन विकास, आपदा प्रबन्धन के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। जनपद में 321 स्वयं सहायता समूहों को एसआरएलएम से जोडा गया है तथा इस वर्ष 435 ग्रुप बनाने का लक्ष्य है। अर्ली चाइल्ड हुड में बेहतर शिक्षा के लिए घाट क्षेत्र में आंगनबाडियों के साथ कार्य किया जा रहा है तथा 5 आंगनबाडी केन्द्रों को माॅडल आंगनबाडी केन्द्र बनाया गया है। बैठक में मनीष झा, सुरेश नेगी, प्रहला कोश्यारी ने भी हिमोत्थान परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी।
इस अवसर मुख्य डीएफओ एनएन पाण्डेय, विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, जिला विकास अधिकारी आनंद सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी बीएस दुग्ताल, अपर कृषि अधिकारी जीतेन्द्र भाषकर सहित हिमोत्थान संस्था के टीम लीडर अमित उपमन्यु, प्रोग्राम अधिकारी दिवाकर पुरोहित, एनजीओ के सदस्य आदि उपस्थित थे।