देहरादून,  उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुई अनियमितताओं की जांच किये जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने गांधी पार्क में धरना-प्रदर्शन किया। धरने के बाद कार्यकर्ताओं द्वारा अपर जिलाधिकारी अरविंद कुमार पांडे के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन प्रेषित किया गया, जिसमें उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव तथा प्रभारी रजिस्टर को तत्काल प्रभाव से हटाए जाने की मांग की गई है। 

गांधी पार्क में आयोजित धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में यूकेडी नेताओं ने कहा कि सरकार की मिलीभगत से उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। दल के संरक्षक बीडी रतूड़ी ने कहा कि लगातार 4 वर्ष कार्य कराए जाने के पश्चात सीसीआईएम द्वारा मान्यता मिलते ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को बाहर किए जाने की दल निंदा करता है। उन कर्मचारियों की पुनः बहाली की दल मांग करता है। महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री ने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सभी रिक्त पदों पर लिखित परीक्षाएं आयोजित कराई जानी चाहिए थी किंतु सरकार तथा नौकरशाही की मिलीभगत से कम योग्यता वाले अपने चहेतों को नियुक्ति दिलाने के लिए बगैर किसी लिखित परीक्षा के एसोसिएट प्रोफेसर पदों पर नियुक्ति कर दी गई है,जो विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार का जीता जागता प्रमाण होली के अलावा न्यायालय की अवमानना भी है। वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार की नियुक्ति ना होने के बावजूद प्रभारी रजिस्ट्रार के माध्यम से अवैध नियुक्तियां की जा रही है। महिला नेत्री प्रमिला रावत ने कहा कि गंभीर शिकायतों के बावजूद उप कुलसचिव और प्रभारी रजिस्टार को हटाया ना जाना जीरो टॉलरेंस की बात करने वाली प्रदेश सरकार के मुंह पर तमाचा है। धरने में केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, केंद्रीय महामंत्री किशन सिंह रावत और बहादुर सिंह रावत, केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पंकज व्यास, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष हरीश पाठक, केंद्रीय युवा महामंत्री सुशील कुमार, संजय क्षेत्री, राजेंद्र सिंह बिष्ट, विलास गौड, समीर मुखर्जी, सुरेंद्र दत्त पेटवाल, नरेंद्र नेगी राजू वर्मा, आदि शामिल रहे।