देहरादून, सचिवालय सभागार में खेल मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में खेल विभाग की समीक्षा बैठक सम्पन हुई। खेल मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि परेड ग्राउण्ड के किराये से प्राप्त होने वाली आय को जिला स्तर से खर्च न कर निदेशालय खेल विभाग के स्तर से खेलों के प्रोत्साहन आदि में उपयोग किया जाय।
उन्होंने खेल एवं युवा कल्याण विभाग के एकीकरण के संबंध में लिये गये कैबिनेट निर्णय का शीघ्र क्रियान्वयन करने के निर्देश दिये।
उन्होंने खेल महाकुम्भ में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिये तथा युवा खिलाडियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिये तैयार करने के लिये फुटबाॅल, एथेलेटिक्स एकेडमी बनाने पर भी विचार-विमर्श किया। शिक्षा मंत्री ने पी.आर.डी. स्वयं सेवकों का ईपीएफ, ईएसआई एवं जनरल इन्श्योरेन्स करवाये जाने, पीआरडी स्वयं सेवकों को उपनल की भांति अवकाश (वेतन सहित) प्रदान करने, महिला पीआरडी जवानों को मातृत्व अवकाश दिये जाने के सम्बन्ध में भी निर्देश दिये।
निदेशक खेल प्रताप शाह ने बताया कि ऊधम सिंह नगर तथा हरिद्वार में खेल विभाग के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। उन्होंने जानकारी दी कि राज्य स्तरीय खेल महाकुंभ प्रतियोगिता का उद्घाटन दिनांक 08 जनवरी, 2019 एथलेटिक्स (बालक-बालिका) अण्डर-14, 17, 19 आयु वर्ग, महिला ओपन (19-25), दिव्यांग वर्ग में निर्धारित किया गया है। उन्होंने प्रतियोगिता स्थल, आवास स्थल, भोजन की व्यवस्था, किट, खेल उपकरण आदि के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि खण्ड विकास एवं जिला स्तरीय युवा महोत्सव संचालित किये जा रहे है। तथा इनसे चयनित खिलाडियों के मध्य राज्य स्तरीय युवा महोत्सव तिथि 29, 30, 31, दिसम्बर, 2018 आयोजित होगी। बैठक में खेल महाकुंभ 2018 के आयोजन पर चर्चा हुई। जिसके वृहद प्रचार-प्रसार के खेल मंत्री ने निर्देश दिये। बैठक में खेल सचिव भूपेन्द्र कौर औलख एवं खेल अधिकारी उपस्थित थे।
जूहा को छात्र संख्या की कमी पर हाईस्कूल में संविलियन करने का प्रस्ताव बनाने के दिए निर्देश
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की बैठक हुई। शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने एनसीआरटी की पुस्तकों के टेण्डर में कम से कम से कम 50 लाख की संख्या में पुस्तक प्रकाशन की शर्त को शामिल करने के निर्देश दिये। ताकि प्रदेश में अध्ययनरत छात्रों को एनसीआरटी की पुस्तकों की कमी न हो। उन्होंने निजी स्कूलों द्वारा उच्च न्यायालय के आदेशों का अनुपालन की अद्यतन रिपोर्ट पर भी विस्तार जानकारी प्राप्त की।
शिक्षा मंत्री ने प्रदेश में एक ही स्थान मेें चल रहे प्राथमिक विद्यालयों, जूनियर हाई स्कूलों एवं हाईस्कूलों को संविलियन किये जाने के संबंध में की जा रही कार्यवाही की समीक्षा पर जूनियर हाईस्कूल को छात्र संख्या की कमी पर हाईस्कूल में संविलियन करने का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। उनका कहना था कि इससे दूर क्षेत्रों में पढने वाले बच्चों को हाईस्कूल तक शिक्षा अध्ययन के लिये दूर नही जाना पडेगा। उन्होंने कहा कि जहां छात्र संख्या काफी न्यूनतम हो, ऐसे जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों को ही वहीं संचालित हाईस्कूल विद्यालय में संविलियन किया जाये। शिक्षा मंत्री ने राज्य सरकार के अधीनस्थ संचालित राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों को काॅनवेंट के समकक्ष बनाने हेतु सचिव शिक्षा को निर्देश दिये। शिक्षा मंत्री ने गेस्ट टीचरों को अवकाश के दिनों में भी आवश्यकतानुसार पढाने का कार्य में लगाने के निर्देश दिये।
शिक्षा मंत्री ने चारधाम के आस-पास अवस्थित संस्कृत विद्यालयों में चारवेद की शिक्षा छात्रों को दिलाने पर चर्चा की तथा इस कार्य में निःशुल्क प्रशिक्षण में ऋषिकेश परमार्थ निकेतन द्वारा आवश्यक सहयोग प्राप्त होने की जानकारी दी। उन्होंने स्वामी चिदानन्द द्वारा अपने अधीनस्थ कार्यरत वैज्ञानिकों द्वारा जल संरक्षण में भी सहयोग दिये जाने की जानकारी दी। उन्होंने शिक्षा सचिव को परमार्थ निकेतन में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजन में सहयोग देने के निर्देश दिये जिनमें राज्य सरकार के अधीनस्थ 95 खण्ड शिक्षा अधिकारी सन्दर्भ अधिकारी के रूप में प्रतिभाग करेगे तथा प्राप्त प्रशिक्षण से अपने-अपने विकासखण्ड के विद्यालयों में जनजागरूकता करेंगे। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन द्वारा कार्यशाला में निःशुल्क जल संरक्षण, प्रशिक्षण तथा इस अवधि में निःशुल्क रहने तथा भोजन की व्यवस्था की जायेगी। इस अवसर पर सचिव शिक्षा भूपेन्द्र कौर औलख, सचिव (प्रभारी)संस्कृत इंदूधर बौडाई, महानिदेशक शिक्षा ज्योति यादव, अपर निदेशक महानिदेशालय वंदना गब्र्याल, अपर निदेशक बेसिक वीरेन्द्र सिंह रावत, अपर निदेशक माध्यमिक रामकृष्ण उनियाल, अपर निदेशक सीमैट शशि बाला चैधरी, अजय नौडियाल, संयुक्त निदेशक माध्यमिक भूपेन्द्र नेगी सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे