बर्नीगाड़, कार्तिक मास की अमावस्या से ठीक एक माह बाद आने वाली मंगसीर की दीपावली की तैयारियां क्षेत्र में शुरू हो गई हैं। नौगांव के बर्नीगाड़, खाटल क्षेत्र में इस दीपावली को बूढ़ी दीपावली कहते हैं। इस दीपावली को ग्रामीण वर्षों से पहाड़ी परंपराओं से मनाते हुए आ रहे हैं।
इस बार यह बूढ़ी दीपावली छह और सात दिसंबर को है। इस उत्सव की तैयारियां एक सप्ताह पहले से ही शुरू हो जाती हैं। इस आयोजन में चावल का चूड़ा सबसे प्रमुख पकवान है। इसके साथ ही उड़द के दाल के पकोड़े, स्वाले आदि भी बनाए जाते हैं। जबकि इस बूढ़ी दीपावली में काठ का हिरण बनाया जाता है साथ ही हाथी का स्वांग कार्यक्रम भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र होता है। अंतिम दिन गांवों में पांडव नृत्य का आयोजन के साथ बूढ़ी दीपावली का कार्यक्रम समाप्त होता है। भौती गांव की प्रधान दर्शनी देवी ने बताया कि इस समय खेती का कार्य पूरी तरह से संपन्न हो जाता है। इस लिए विवाहित बेटियां भी अपने ससुराल से कामकाज निपटाकर मायके आती हैं।