#देशभर से कार्यकर्ताओं और वाम विचारकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का आधार यलगार परिषद में दिये गये भाषणों को ही माना जा रहा है…..20 मिनट लंबे भाषण में मेवाणी और उमर खालिद नरेंद्र मोदी सरकार और आरएसएस को उखाड़ फेंक कर संविधान और लोकतंत्र को बचाने की बात कर रहे हैं.
तो चलिए जानते हैं कि आखिर वीडियो में जिग्नेश मेवाणी ने क्या-क्या कहा: ….हम ये कहना चाहते हैं कि गुजरात में तुम्हारे 150 सीटों के घमंड को अगर 99 पर लाकर खड़ा किया है, तो 2019 में भी हरा कर दिखाएंगे. जेल के अंदर साथी चंद्रशेखर लड़ रहे हैं, जेल के बाहर साथी उमर लड़ रहे हैं, किसान और मजदूर लड़ रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि अगर हम ये सारे लोग एक बार भी एक हो गये तो 110 % केस में मोदी जो को उखाड़ फेंकेंगे. इस देश के लोकतंत्र को बचाएंगे, इस देश के संविधान को बचाएंगे. आखिर में सिर्फ इतना ही कहूंगा कि कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान में भी चुनाव आ रह हैं, सारी संस्थाएं, संगठन और पॉलिटिकल पार्टी को बस यही कहना चाहता हूं कि सारे मतभेद भुलाकर एक मंच पर आएं, चुनाव में कौन जीतेगा इसमें मुझे दिलचस्पी नहीं. बस BJP हारना चाहिए, इसमें दिलचस्पी है. इसलिए हारना चाहिए, क्योंकि ये फासीवादी ताकते हैं, ये वो ताकते हैं जो हिटलर और मुसोलनी की फिलोसफी में यकीन करते हैं. एक तरफ वो लोग हैं जो सावरकर और गोवलकर को मानते हैं, दूसरी तरफ हम वो लोग हैं जो सावित्री बाई फुले, भगत सिंह और बाबा साहब अंबेडकर को मानते हैं.’आखिर उमर खालिद ने अपने भाषण में कहा कि:
”जहां तक पुणे और महाराष्ट्र की बात है, तो इस शहर को और इस राज्य को हम RSS के लिए याद नहीं करते हैं, बल्कि छत्रपति शिवाजी के लिए याद करते हैं. इस शहर और राज्य को हम ज्योतिबा फुले के लिए याद करते हैं. ….इस शहर को और राज्य को सिर्फ जुल्म के इतिहास लिए याद नहीं करते हैं, जुल्म के खिलाफ निडर होकर लड़ने के लिए भी याद करते हैं. सबसे जरूरी अगर किसी के लिए याद करते हैं तो इस राज्य को हम बाबा साहब अंबेडकर के लिए याद करते हैं. इस देश में जाति की परंपरा, ऊंच-नीच की परंपरा, गैर बराबरी की परंपरा, क्या इस देश में मुसलमान लेकर आए थे? मुगल लेकर आए थे?
–यह एक मनुवादी समस्या है. तो मोदी साहब एक बात आप कान खोलकर सुन लीजिए, चाहे वह मुसलमान हो या वह इसाई हो, वह इस देश के किराएदार नहीं हैं. वह भी इस देश के उतने ही मालिक हैं, जितने कोई हिंदूवादी हों. ये लोग और ताकतें मानवता विरोधी ताकते हैं, जिसके खतरे को समझना जरूरी है. आज के समय में सिर्फ लोकशाही और संविधान को ही नहीं, बल्कि मानवता को भी बचाना है. क्योंकि आज के समय में मानवता भी खतरे में है.”
साभार #AjayTiwari