विकासनगर, जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश हित में जिस प्रकार न्यायालय विगत कई माह से कानून-व्यवस्था लागू करने की दिशा में काम कर रहा है, निश्चित तौर पर स्वागत योग्य है। अभी दो-चार दिन पहले जिस प्रकार से दो पूर्व मुख्यमन्त्रियों विजय बहुगुणा एवं भगत सिंह कोश्यारी द्वारा न्यायालय पर लक्ष्मण रेखा लांघने का आरोप गढ़ा है, उसकी जितनी निन्दा की जाये, कम है।

यहां एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में श्री नेगी ने कहा कि इतने जिम्मेदार पद पर रह चुके इन माननीयों को न्यायालय की आलोचना करने से पहले ये आंकलन करना चाहिए था कि क्या प्रदेश में आम आदमी को न्याय मिल पा रहा है। क्या कानून/व्यवस्था ठीक-ठाक चल रही है इत्यादि-इत्यादि। प्रदेश में किसान, व्यवसायी आत्महत्या कर रहे हैं, बेरोजगार दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं, व्यापारी का कारोबार चैपट हो गया है, महिलायें सुरक्षित नहीं है, प्रसव पीड़ित रास्ते में दम तोड़ रही हैं, घायलों को (पानी के) टब से रेस्क्यू किया जा रहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है, प्रदेश की जनता कराह रही है, तो ऐसे में न्यायालय का हस्तक्षेप लाजिमी है। नेगी ने कहा कि अगर त्रिवेन्द्र सरकार अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन ठीक प्रकार से रकती तो आम आदमी को न्यायालय का सहारा क्यों लेना पड़ता। त्रिवेन्द्र सरकार ने तो आजाद हिन्दुस्तान में एक रिकाॅर्ड बना दिया है, जिसमें ‘‘सफाई तक न्यायालय के निर्देश पर हो रही है’’। न्यायालय की गरिमा को खंडित कर इन ने दर्शा दिया है कि इनको जनता के हितों से कोई रूचि नहीं रह गयी है। मोर्चा न्यायालय से इनके खिलाफ अवमानना का आग्रह करेगा। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, डाॅ0 ओ0पी0 पंवार, सुशील भारद्वाज आदि थे।