अंग्रेजों ने भीमताल को स्विटजरलैण्ड से भी खूबसूरत माना था। हरी भरी पहाडि़यों से आच्छादित मैदान व पहाड़ी प्राकृतिक के समावेश से बना यह क्षेत्र आगुन्तकों को पहली ही नजर में भा जाता है। तभी अंग्रेज इस जगह को स्नेहवश वेस्ट मोर लैण्ड आफ कुमाऊं के नाम से पुकारते थे। भीमताल मुख्य रेलवे स्टेशन काठगोदाम से 20 किमी उत्तर पूर्व में स्थित है। इसके अलावा भीमताल में पर्यटक ट्रेकिंग के रूप में नलदमयन्ती, च्यवन ऋषि आश्रम व हिडम्बा पर्वत, महाराज जिन्द पैलेसे जैसे ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का भी भ्रमण कर सकता है। साथ ही देश की पहाड़ी क्षेत्रों की प्रथम औद्योगिक घाटी को भी जो कि भीमताल इलेक्ट्रानिक घाटी के रूप में भी जानी जाती है।
नौकुचियाताल
भीमताल से ही लगी एक और सुन्दर प्राकृतिक झील नौकुचियाताल है, भीमताल से चार किमी की दूरी पर स्थित यह झील अपनी प्राकृतिक बनावट के कारण दर्शनीय है। नौकोनो में बटी इस झील में ही गुलाबी कमल फूलों का एक छोटा सा तालाब कमल तालाब के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा नौकुचियाताल विभिन्न प्रजातियों की पक्षियों को प्राकृतिक बसरे के रूप में भी जाना जाता है।
सात झीलों का समूह
भीमताल से ही लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित सात झीलों का एक समूह है जिसे सातताल के नाम से जाना जाता है, इस झील समूह में राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, नल दमयन्ती, गरूड़ व सूखाताल प्रमुख है। नलदमयनती ताल मछलियों की जल क्रीड़ा व चाय के पौधे की नर्सरी के लिए प्रसिद्घ है। गरूड़ ताल एकान्त व आम जनता की हलचल से दूर स्थित है। सातताल क्षेत्र बांज के जंगलों से आच्छादित होने के कारण आज प्रकृति के काफी नजदीक नजर आता है। साथ ही यह क्षेत्र विभिन्न प्रजातियों की तितलियों को देखने का सर्वोत्तम स्थान है। भीमताल से 10 किमी दूरी पर भवाली बाजार स्थित है जो कि पर्वतीय फलों की बाजार के रूप में जाना जाता है।