देहरादून वर्ल्ड इंटिग्रिटी सेंटर इंडिया ने शनिवार को फिक्की महिला संगठन (फ्लो) उत्तराखंड के सहयोग से डब्ल्यूआईसी इंडिया में सारा इंडस्ट्रियल एस्टेट लिमिटेड की संस्थान निदेशक राकेश धवन द्वारा एक वार्ता सत्र की मेजबानी की गयी।
वार्ता सत्र ‘इन्सिग्निअ ऑफ एक्सीलेंस श् डब्ल्यूआईसी कम्युनिटी एक्सपीरिएंस के बैनर के तहत आयोजित की गयी थी।
डब्ल्यूआईसी इंडिया में उद्योगपति राकेश धवन ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
फिक्की फ्लो की ओर से आयोजित कार्यक्रम का संचालन सारिका पंछी ने किया जबकि अध्यक्षता पूजा अग्रवाल ने कि।
सफलता के मंत्र के बारे में बोलते हुए राकेश ने कहा कि हम सभी को अपने लिए ईमानदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर महिलाएं अपने परिवार का समर्थन करती है तो वह अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि यह एक दोहरा रिश्ता है और एक महिला को भी अपने परिवार और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कैसे उनके परिवार का व्यवसाय मात्र पांच हजार से शुरू हुआ और कैसे उनके परिवार ने आज करोड़पति होने का अपना रास्ता तय किया।
फिक्की फ्लो की ओर से आयोजित कार्यक्रम का संचालन सारिका पंछी ने किया जबकि अध्यक्षता पूजा अग्रवाल ने कि।
सफलता के मंत्र के बारे में बोलते हुए राकेश ने कहा कि हम सभी को अपने लिए ईमानदार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि अगर महिलाएं अपने परिवार का समर्थन करती है तो वह अधिक ऊंचाइयों तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि यह एक दोहरा रिश्ता है और एक महिला को भी अपने परिवार और बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि कैसे उनके परिवार का व्यवसाय मात्र पांच हजार से शुरू हुआ और कैसे उनके परिवार ने आज करोड़पति होने का अपना रास्ता तय किया।
अपने बच्चों को अंग्रेजी स्कूल में शिक्षित करने की समाज की इच्छा पर टिप्पणी करते हुए राकेश ने कहा, हर कोई अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय में नामांकित करना चाहता है।
यह हमारे समाज के लिए भी हानिकारक है क्योंकि अशिक्षित माता-पिता अपने बच्चों को खुद को पढ़ाने में असमर्थ हैं।
माता-पिता को तब अपने बच्चों के शिक्षण के अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा निवेश करना पड़ता है। यह उनके बच्चों के जीवन स्तर के पोषण के पोषण की लागत पर है।
उन्होंने कहा हम अशिक्षित लोगों को भी रोजगार देते हैं क्योंकि हमें लगता है कि उन्हें प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने विभिन्न उद्योगों के बारे में बात की जिनकी उनकी मौजूदगी है।
राकेश धवन उत्तराखंड के अग्रणी उद्योग सारा साई की पहली महिला हैं। वह कई वर्षों से गाइड मूवमेंट में शामिल रही है। वह गाइड आयुक्त उत्तराखंड, साथ ही साथ भारत स्काउट्स और गाइड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी थे।
वह तीन साल (2014-17) के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी निकाय के लिए भी चुने गए थी। इस अवसर के दौरान फिक्की फ्लो की एक फिल्म भी प्रदर्शित की गई थी। इस अवसर पर छात्रों और डब्ल्यूआईसी सदस्यों के बीच राशि सिंघल, राखी जैन, किरण टोडरिया और जैस्मीन सहगल मौजूद थे।
माता-पिता को तब अपने बच्चों के शिक्षण के अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा निवेश करना पड़ता है। यह उनके बच्चों के जीवन स्तर के पोषण के पोषण की लागत पर है।
उन्होंने कहा हम अशिक्षित लोगों को भी रोजगार देते हैं क्योंकि हमें लगता है कि उन्हें प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने विभिन्न उद्योगों के बारे में बात की जिनकी उनकी मौजूदगी है।
राकेश धवन उत्तराखंड के अग्रणी उद्योग सारा साई की पहली महिला हैं। वह कई वर्षों से गाइड मूवमेंट में शामिल रही है। वह गाइड आयुक्त उत्तराखंड, साथ ही साथ भारत स्काउट्स और गाइड के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी थे।
वह तीन साल (2014-17) के लिए राष्ट्रीय कार्यकारी निकाय के लिए भी चुने गए थी। इस अवसर के दौरान फिक्की फ्लो की एक फिल्म भी प्रदर्शित की गई थी। इस अवसर पर छात्रों और डब्ल्यूआईसी सदस्यों के बीच राशि सिंघल, राखी जैन, किरण टोडरिया और जैस्मीन सहगल मौजूद थे।