देहरादून, क्या आपके परिवार में सांस लेने में घरघराहट और खांसी की शिकायतें उठ रही हैं? वास्तव में, त्वचा पर चकत्ते, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि समस्याएं हमारे देश में बच्चों से लेकर बड़ों तक में आम हो रही हैं। हो सकता है कि इस सीजन के मद्देनजर इसके लिए आप प्रदूषण और मौसम को दोष दे रहे हों लेकिन वास्तविक अपराधी आपके घर की सीलन और नमी भी हो सकती है!

     ओवरहेड टैंक या आपके पुराने बाथरूम पाइप में एक छोटे-से रिसाव की मरम्मत में देरी बरतना आपके परिवार में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। पानी के रिसाव के कारण आने वाली नमी और मोल्ड (भुरभुरी मिट्टी) के संपर्क में आकर नाक बहने, गले की जलन, आंख की जलन, यहां तक कि त्वचा पर चकत्ते जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। समय के साथ यह मोल्ड अस्थमा और फेफड़ों की बीमारियों जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है।

    भारत में अस्थमा से पीड़ित वैश्विक आबादी का 10 फीसदी बोझ है, लगभग 10 से 15 करोड़ लोग इसके शिकार हैं। कई शोध से यह साबित हो चुका है कि घरों में दीवारों से उतरने वाले मोल्ड और सीलन के लगातार संपर्क में रहने के कारण स्वस्थ लोगों में भी सांस चढऩे, खांसी आदि की समस्या खड़ी हो सकती है। यह अस्थमा से ग्रस्त व्यक्ति के लिए स्थिति को और बदतर कर सकता है। यह भी संभावना है कि मोल्ड के संपर्क में आने से स्वस्थ बच्चों में भी सांस से संबंधित बीमारियां या सांस की तकलीफ जैसी समस्या उभरने लगे। मोल्ड एलर्जी और परेशानियों को पैदा करता है इसलिए सूघने या छूने से एलर्जी वाली प्रतिक्रिया हो सकती है, जैसे छींकना, नाक बहना, अस्थमा के दौरे, लाल आंखें और चकत्ते। यही कारण है कि अपने घर में नमी या रिसाव के संकेतों को पहचानना बहुत जरूरी है और इससे पहले कि इसकी कीमत आपके  परिवार के स्वास्थ्य को चुकानी पड़े, इसे ठीक कर लें। घरों में मोल्ड बाथरूम, छत के कोनों, दीवारों पर नमी के पैच, छत की टाइल्स, इसके आसपास रिसाव के साथ-साथ रसोई की अलमारियां, वॉलपेपर के पीछे दीवार के साथ रिसाव वाली जगहों पर बढ़ सकता है। इसलिए छत के साथ पानी के प्रवेश की 5 सतहों को जलरोधक बनाना भी महत्वपूर्ण है जमीन, गीले क्षेत्र, छत, कंक्रीट वाले पानी के टैंक और बाहरी दीवारें। हालांकि, दीवारों पर जमा सीलन को हटाया या पोंछना ही हल नहीं है। अधिक नमी के कारण, मोल्ड तब तक बनता रहेगा जब तक आप नमी के स्रोत को ही सही न करें। घरों में मोल्ड के बनने के लिए सामान्य जगह वॉलपेपर, फर्श, दीवार की टाइल के पीछे और खिडक़ी के फ्रेम हैं। आमतौर पर मोल्ड या भुरभुरी मिट्टी को आसानी से पहचाना जा सकता है, यह सफेद, काली, पीली, नीली या हरे रंग में हो सकती है। यह बारीक या मोटी हो सकती है और आमतौर पर इसमें से एक तीखी और पुरानी गंध आती है।

    भवनों में नमी मुख्य रूप से लीक हो रहे पाइप, बेसमेंट या ग्राउंड फ्लोर में बढ़ती नमी, पुरानी संरचना, क्षतिग्रस्त छतों, खिडक़ी के फ्रेज और छत के सीपेज के कारण होती है। एक नई बनी इमारत तक में नमी आ सकती है क्योंकि अगर निर्माण में उपयोग किया जाने वाला पानी ठीक से सूखा नहीं है। घर के भीतर की दीवारों और छत में नमी के कारण होने वाली क्षति न केवल इमारत के लिए हानिकारक है बल्कि घर के अंदर रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी नुक्सानदायक है। घर की भीतरी दीवारों में नमी को ठीक करने और दूसरी कई समस्याओं के लिए हमें एक संपूर्ण वाटरप्रूफ समाधान की आवश्यकता है जो न केवल इस मुद्दे को हल करता है बल्कि घर के मालिक के लिए भविष्य के किसी और नुकसान को रोक कर एक सुंदर और स्वस्थ घर बनाए रखने में मदद करता है।