हरिद्वार,  सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर को लेकर चल रही सुनवाई की तारीख बढ़ाए जाने पर संत समाज ने नाराजगी व्यक्त की है। दक्षिण काली पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने प्रैस को जारी बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने तक संत समाज अनिश्चितकाल तक इंतजार नहीं कर सकता।

 केंद्र सरकार को तत्काल अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करना चाहिए। यदि सरकार राम मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश नहीं ला सकती तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पद छोड़ देना चाहिए। करोड़ो हिन्दुओं व संत समाज ने भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंदिर निर्माण के लिए जनादेश दिया था। केंद्र व उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार होने के बावजूद भाजपा मंदिर निर्माण के पक्ष में अध्यादेश लाए जाने में उदासीनता बरत रही है। जबकि एससी एसटी एक्ट के मामले में तत्काल अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को पलट दिया गया था। लेकिन अब पूरे हिंदू जनमानस की भावनाओं से जुड़े राम मंदिर के मुद्दे पर केंद्र की भाजपा सरकार व प्रधानमंत्री मोदी अध्यादेश लाने से इंकार कर रहे हैं। सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि कोर्ट से निर्णय आने के बाद ही राम मंदिर समस्या का समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि हिंदू हितों की संरक्षक समझी जाने वाली सरकार हिंदुओं के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर लगातार हीला हवाली कर रही है। जिससे सनातन धर्म पर कुठाराघात हो रहा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को भी करोड़ों हिन्दुओं की आस्था को ध्यान में रखते हुए जल्द से जल्द इस मामले में अपना फैसला सुनाना चाहिए। अन्यथा देश का करोड़ों हिन्दू जनमानस व संत समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने को मजबूर होगा। 

उन्होंने कहा कि प्रयागराज अर्द्धकुंभ मेले में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद और विश्व हिन्दू परिषद के तत्वाधान में संतों की अति महत्वपूर्ण बैठक राम मंदिर मुद्दे को लेकर होने वाली है ।जिसमे आगे की रणनीति पर विचार होगा।