उत्तराखण्ड हाई कोर्ट ने न्यायलयों के आदेशो के खिलाफ हो रहे धरना प्रदर्शन व नारे बाजी पर कडा रुख अपनाते हुए जिला अधिकारियो से पूछा है कि क्यों न आपके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाय। साथ ही नैनीताल में हाई कोर्ट के अधिवक्ता के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे व्यापारियो के ऊपर मुकदमा दर्ज करने के आदेश जिला अधिकारी को देते दिए है साथ में यह भी कहा है उन प्रदर्शन कारियों के नाम कोर्ट में दे जो धरना प्रदर्शन कर रहे है। और अधिवक्ता अंजली भार्गव को 24 सों घण्टे शुरक्षा देने के आदेश एसएसपी नैनीताल को दिए है। खण्डपीठ ने हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जुडिशल को नोटिस जारी किया है कि उन्होंने खण्डपीठ के आदेश को एकलपीठ में सुनवाई के लिए क्यों पंजीकृत किया । जबकि खण्डपीठ ने पूर्व में ही देहरादून में अतिक्रमण सम्बन्धी जनहित याचिका में सुनवाई के दौरान आदेश दिए थे कि जनहित याचिकाओ से सम्बंधित मामलो की सुनवाई एकलपीठ में न हो। मामले के अनुसार जून 2018 में खण्डपीठ ने भोटिया मार्केट ,न्यू पालिका मार्केट व चाट मार्केट में हुए अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए थे ।16 अगस्त 2018 को खण्डपीठ ने पूर्व में जारी आदेश का पूर्ण तह पालन नही करने पर प्राधिकरण सचिव व ईओ नगर पालिका के खिलाफ अवमानना नोटिस जारी किये थे । जिसके बाद नगर पालिका ने 36 व्यपारियो को नोटिस जारी कर उनके द्वारा अपनी दूकान के ऊपर लगाई गई झाँप को हटाने के लिए 48 घण्टे का समय दिया था। इस नोटिस को दीवान सिंह व 30 लोगो ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की । याचिकर्ता दीवान सिंह व 7 अन्य ने न्यायमूर्ति शुद्धांशु धुलिया की एकलपीठ में दायर की। जिसमे एकलपीठ ने 25 अगस्त तक यथा स्थिति बनाये रखने का आदेश दिया । वही धन सिंह व 22 अन्य ने कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश की खण्डपीठ में मेन्शन किया था। जिसे कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश ने मामले को सुनने के लिए न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की कोर्ट को भेज दिया। न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद आदेश में कहा है कि यह जनहित याचिका से जूडा हुआ मामला है इसलिए यह खण्डपीठ में ही सुना जायेगा। जिसके बाद देर सायं को कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश राजीव शर्मा व न्यायधीश लोकपाल सिंह की खण्डपीठ में याचिकाओं की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने यह पाया की कतिपय अधिवक्ताओ ने एकलपीठ के समक्ष खंडपीठ द्वारा पारित आदेशो का जिक्र नही किया और कोर्ट को गुमराह करने के आधार को अधिक्वता के पेशे के खिलाफ माना है इस मामले में सुनवाई 21 अगस्त मंगलवार को नियत की है ।
साभार : कुँवर अस्थाना