रूद्रपुर, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज (सी0डि0) अरूण वोहरा ने ए0डी0आर0 केन्द्र, रूद्रपुर में पैनल अधिवक्तागणों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, नैनीताल से प्राप्त निर्देशों के क्रम में सजायाफ्र्ता बंदियों की अपील, पैरोल आदि हेतु जागरूकता अभियान चलाया जाना है।
इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 22 बी के अन्तर्गत के राज्य सरकार ने चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर में सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से जुड़े मामलों को त्वरित रूप से निस्तारित करने हेतु स्थायी लोक अदालतों का गठन किया है। जिला न्यायालय परिसर, रूद्रपुर, ऊधम सिंह नगर स्थित ए0डी0आर0 केन्द्र के प्रथम तल पर स्थायी लोक अदालत कार्यरत है, जिसमें सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं जैसेः यातायात सेवा, डाक, तार या टेलीफोन सेवा, विद्युत प्रकाश या जल संबंधी सेवा, लोक सफाई या स्वच्छता प्रणाली से संबंधित मामले, अस्पताल या औषधालय से ली गई सेवा संबंधित मामले, बीमा सेवा, शैक्षिक या शैक्षणिक संस्थानों तथा आवास और भू-सम्पदा सेवा से संबंधित घ्एक करोड़ तक के मामलों को बिना किसी न्याय शुल्क के प्रार्थना पत्र देकर सुलह समझौते के आधार पर, निस्तारित कराया जा सकता है। स्थायी लोक अदालतों द्वारा पारित अवार्ड, दीवानी न्यायालय की डिक्री के समान होते हैं, जोकि दोनों पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है जिसकी कोई अपील या रिवीजन नहीं होती है। बैठक के दौरान उपस्थित पैनल अधिवक्तागण से अपील की गई कि वे सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित मामलों को स्थायी लोक अदालतों में त्वरित रूप से निस्तारित करवाने हेतु आम जनता को अपने स्तर से अवगत कराये, ताकि उन्हें सस्ता और सुलभ न्याय प्राप्त हो सके। बैठक में पैनल अधिवक्तागण राधेश्याम शुक्ला, अनिल कुमार मित्तल, अखलाक अहमद, सरिता सक्सेना, रमेश चन्द्र, जयन्त दास, सुनील कुमार भक्त, अतहर अली खान व सत्यपाल आदि उपस्थित रहे।