रुद्रपुर, कार पर हुई अंधाधुंध फायरिंग के मामले का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। इस मामले में आरोपियों ने दूसरे व्यक्ति को झूठे केस में फंसाने के लिए गोलीकांड की कहानी रची और खुद ही अपनी गाड़ी और कंधे पर गोली मार ली और पुलिस को बरगलाने का प्रयास किया। लेकिन जब पुलिस ने घटना की तहकीकात की तो सारा मामला साफ हो गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों को मय हथियारों के साथ गिरफ्रतार कर लिया।
कोतवाली पुलिस के अनुसार गत दिवस सूचना मिली कि झा इंटर कालेज के समीप कार में जा रहे अयोध्या प्रसाद नामक व्यक्ति को किसी ने गोली मार दी है। पुलिस ने इस मामले में वार्ड 8 रम्पुरा निवासी अयोध्या प्रसाद पुत्र स्व- अमृत लाल और शान्ति कालोनी निवासी अमित कुमार पांडे पुत्र नारद पांडे से पूछताछ की तो मामला संदिग्ध नजर आया। जिस पर एसएसपी सदानंद दाते के निर्देश पर एसएसआई कमलेश भट्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम का गठन किया तो पता चला कि अमित पांडे ने वर्ष 2016 में शान्ति कालोनी निवासी एक महिला से 15 लाख रूपए में मकान खरीदा था और मकान के पैसे देने के लिए एक फाइनेंस कम्पनी से 11-16 लाख का लोन लिया था। बैंक ने सारा पैसा चेक के माध्यम से उक्त महिला को दे दिया। लेकिन महिला ने मकान खाली नहीं किया और रजिस्ट्री अमित पांडे के नाम कर दी। मकान न खाली करने पर बैंक ने उस मकान पर अपना ताला लगा दिया जिससे नाराज होकर उक्त महिला का एक रिश्तेदार अपने साथियों के साथ अमित पांडे के किच्छा बाईपास स्थित कार्यालय पहुंचा जहां दोनों में नोंकझोंक हुई जिस पर पांडे ने उस युवक के खिलाफ रम्पुरा चौकी में तहरीर दी। लेकिन बाद में दोनों पक्षों का समझौता हुआ और शपथ पत्र में लिखा गया कि उक्त महिला को अमित पांडे 4 लाख रूपए और देगा तभी वह मकान से कब्जा छोड़ेगी। जिसको लेकर उक्त महिला के रिश्तेदार और पांडे में विवाद हो गया जिससे पांडे परेशान हो गया। उसने अपने साथी अयोध्या प्रसाद से मिलकर महिला के रिश्तेदार पर झूठा केस बनाने के लिए कहानी रची। जिस पर उन्होंने खुद दो गोलियां पांडे की कार पर और एक गोली अयोध्या प्रसाद ने अपने हाथ पर मार ली। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अमित पांडे और अयोध्या प्रसाद को प्रीत विहार मोड़ से गिरफ्तार कर लिया। दोनों के कब्जे से एक पिस्टल व 32बोर के दो जिंदा कारतूस तथा 315 बोर का तमंचा व दो जिंदा कारतूस बरामद हुए। पुलिस पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि वह उक्त महिला के रिश्तेदार को फंसाने के लिए गोलीकांड की फर्जी कहानी गढ़ी थी।
खुलासा करने वाली टीम में एसएसआई जगदीश ढकरियाल, एसआई मुकेश मिश्रा, देवेश, कां.अब्दुल मलिक, नितिन कुमार, ललित कुमार शामिल थे।