देहरादून, वीडियो कान्फ्रैन्सिंग के माध्यम से जी0एस0टी0 काउन्सिल की 30वीं बैठक आयोजित की गयी। इस बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री प्रकाश पंत द्वारा किया गया। बैठक में जी0एस0टी0 लागू होने के पश्चात् सभी राज्यों के राजस्व संग्रह के संबंध में विस्तार से चर्चा की गयी। इस अवधि में ऋणात्मक वृद्धि वाले राज्यों में पांडीचेरी, उत्तराखण्ड, बिहार, जम्मू कश्मीर, हिमाचल एवं पंजाब मुख्य हैं। 

वित्त मंत्री द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य की तुलना अन्य राज्यों से नहीं की जा सकती। उत्तराखण्ड राज्य को एस0जी0एस0टी0 के रूप में कुल रू0 3888 करोड़ तथा आई0जी0एस0टी0 सैटलमेन्ट के रूप में कुल रू0 140 करोड़ कुल मिलाकर रू0 4028 ही प्राप्त हुआ है अर्थात राज्य के कुल संग्रह में आई0जी0एस0टी0 सेटलमेन्ट से प्राप्त अंश मात्र 3 प्रतिशत ही है। जबकि कई राज्यों में यह अंश 50 प्रतिशत से भी ज्यादा है। वित्त मंत्री द्वारा इस बात को भी प्रमुखता से उठाया गया कि राज्य द्वारा कर संग्रह ई-वेबिल एवं रिटर्न फाईलिंग में बेहतर प्रदर्शन के बाद भी जी0एस0टी0 का राजस्व संग्रह पर ऋणात्मक प्रभाव रहा है। राज्य के अन्तर्गत माल के परिवहन हेतु बनाये जाने वाले कुल ई-वे बिल के सापेक्ष विभाग द्वारा 11 प्रतिशत ई-वे बिल का वैरीफिकेशन किया गया है जो कि अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है तथा रिटर्न फाईलिंग का प्रतिशत 67.9 है। अतः राज्य के संसाधनों एवं राजस्व वृद्धि के लिए ठोस रणनीति की आवश्यकता है।  

बैठक के दौरान केरल में आयी आपदा के संदर्भ में चर्चा के दौरान विभिन्न माध्यमों से केरल राज्य को आर्थिक सहायता पहुंचाने की बात रखी गयी साथ ही किसी भी राज्य में इस प्रकार की आपदा घटित होने पर एक विशेष कोष गठित कर प्रभावित राज्य को सहायता प्रदान करने का भी सुझाव दिया गया। चर्चा के दौरान वित्त मंत्री श्री पंत द्वारा उत्तराखण्ड में आने वाली आपदाओं की तरफ भी काउन्सिल का ध्यान आकर्षित कराते हुए अवगत कराया गया कि राज्य में दिनांक 01 जनवरी 2018 से 2018 सितम्बर तक भारी बरसात व भूस्खलन की वजह से 1577 पेयजल योजनाएं ध्वस्त हो गयी हैं, 5064 जगहों पर विद्युत आपूर्ति बाधित हुई है, 25 पुलों को नुकसान हुआ है और 1805 मोटर मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इस प्राकृतिक आपदा में न सिर्फ 2715 मकान आंशिक अथवा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं बल्कि 162 लोग हताहत हुए हैं जिनमें से 100 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। काउन्सिल द्वारा इस संवेदनशील विषय को सुना गया तथा सम्पूर्ण देश में समय-समय पर आने वाली इस प्रकार की आपदाओं से होने वाली संसाधनों की क्षति के पूर्ति हेतु विशेष कोष बनाने के संदर्भ में राज्यों के वित्त मंत्रियों का एक समूह बनाकर अध्ययन कर दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया। वित्तमंत्री द्वारा जी0एस0टी0 काउन्सिल के समक्ष सरकारी संविदाओं पर कार्य करने वाले संविदाकारों/ठेकेदारों की समस्याओं के संबंध में अवगत कराया गया कि जी0एस0टी0 नियमों के अन्तर्गत टाइम आॅफ सप्लाई के प्राविधानों के अनुसार किसी संविदाकार को बिल जारी करते ही जी0एस0टी0 का भुगतान करना पड़ता है जबकि उसको इस कार्य हेतु महीनों बाद भुगतान प्राप्त हो पाता है। इससे उसे कर का भुगतान अपनी पूंजी से करना पड़ता है जिससे उनपर न सिर्फ आर्थिक दबाव पड़ता है बल्कि उनके व्यावसायिक हित भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित होते हैं। इसके अतिरिक्त मा0 वित्त मंत्री द्वारा रू0 1.5 करोड़ तक की टर्नओवर वाले संविदाकारों को समाधान योजना से आच्छादित करने का बिन्दु भी प्रमुखता से उठाया गया जिससे कि राज्य के 80 प्रतिशत संविदाकारों को इसका लाभ मिल सके। काउन्सिल द्वारा इस बिन्दु को स्वीकार करते हुए आवश्यक विचार-विमर्श के उपरान्त समाधान करने हेतु लाॅ कमेटी को मामला प्रेषित कर दिया गया।
    इस अवसर पर पी0के0 गोयल, आयुक्त सी0जी0एस0टी0, सौजन्या, आयुक्त एस0जी0एस0टी0, पीयूष कुमार, अपर आयुक्त (विशेष वेतनमान), विपिन चन्द्र, अपर आयुक्त, राकेश वर्मा, संयुक्त आयुक्त,सुनीता पाण्डे, एवं एस0एस0 तिरूवा, उपायुक्त उपस्थित थे।