रुद्रपुर, नक्सलवादियों एवं उपद्रवियों पर नियंत्रण करने के दौरान हुए संघर्ष में 31वीं वाहिनी के कई जांबाज सिपाहियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। उनकी शौर्यगाथा आज भी वाहिनी के साथ साथ प्रदेश के पुलिस महकमे में गायी जाती है।

 यह बात कुमायूं परिक्षेत्र के आईजी पूरन सिंह रावत ने आज यहां 31वीं वाहिनी पीएसी के स्थापना दिवस पर आयोजित तीन दिवसीय भव्य मेले का शुभारम्भ करने के पश्चात कही। उन्होंने कहा कि 31वीं वाहिनी के जवानों द्वारा स्थापना दिवस 30 सितम्बर 1970 के पश्चात से अपने दायित्वों का जिस प्रकार से ईमानदारी से निर्वहन किया जा रहा है वह काबिले तारीफ है। भविष्य में भी जवानों से ऐसी ही अपेक्षा है। इससे पूर्व श्री रावत ने एसएसपी डा- सदानंद दाते, 31वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक मुख्तार मोहसिन व पुलिस फोरेंसिक लैब प्रभारी दयाल शंकर के साथ विधिवत फीता काटकर व रंग बिरंगे गुब्बारे छोड़कर मेले का विधिवत शुभारम्भ किया। मेले में  झूले, देश विदेश की वस्तुओं से सुसज्जित स्टाल, बच्चों के मनोरंजन हेतु खेल सामग्री, देश के विभिन्न राज्यों के स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ, वस्त्र,जूते, साज सज्जा का सामान, दालें, श्रृंगार सामग्री, दोपहिया एवं चैपहिया वाहन सहित कई स्टाल लगाये गये। मुख्य अतिथि श्री रावत ने सभी स्टालों का परीक्षण कर प्रदर्शित की गई वस्तुओं से सम्बन्धित जानकारी भी ली। मेले में तीन दिन तक कई सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे साथ ही लकी ड्रा भी निकाला जायेगा जिसमें कई आकर्षक पुरस्कार विजेताओं को प्रदान किये जायेंगे।
      इस मौके पर उप सेनानायक ज्ञान सिंह जोशी, पीडी जोशी, दिनेश उपाध्याय,गिरीश चंद जोशी, देवी दत्त चैसाली, अजय आर्या,शिव कुमार, प्रेम लाल टम्टा, अशोक कुमार, नरेश चंद्र, दिनेश उप्रेती, हयात सिंह, रमेश चंद्र चिलकोटी, सुंदर फिरमाल, नवीन पटेलिया, नरेंद्र राणा, मोहन लाल, राजेंद्र कठायत, मुन्ना राम, राधा थापा सहित वाहिनी के कई अधिकारी व जवान तथा उनके परिजन मौजूद थे।