देहरादून, उत्तराखंड के पूर्व वन प्रमुख डॉ. आरबीएस रावत ने गति फाउंडेशन की ओर से तैयार करवाई गई एक शोध रिपोर्ट दून वैली में शहरीकरण का प्रभाव जारी की। यह अध्ययन टेरी यूनिवर्सिटी, दिल्ली की छात्रा निहारिका सिंह द्वारा किया गया है। डॉ. आरबीएस रावत के मार्गदर्शन में ही तैयार की गई इस रिपोर्ट में दून घाटी को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का अध्ययन किया गया है।
अध्ययन रिपोर्ट को जारी करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में दून घाटी की जनसंख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जनसंख्या वृद्धि का प्रभाव देहरादून में स्वास्थ्य, शिक्षा, यातायात और पर्यावरण सहित विभिन्न कारकों पर पड़ा है। उन्होंने इस अध्ययन रिपोर्ट की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के अध्ययन लगातार होने चाहिए, ताकि वस्तुस्थिति से लोगों को अवगत कराया जा सके और संबंधित विभाग समय रहते आवश्यक कदम उठा सकें। निहारिका सिंह ने कहा कि यह रिपोर्ट विभिन्न विभागों से प्राप्त आंकड़ों और अधिकारियों तथा आम लोगों के साथ की गई बातचीत पर आधारित है। इस अध्ययन में उन्होंने मुख्यतः 10 बिंदुओं को आधार बनाया है,  इनमें भू उपयोग, शहरी कूड़ा निस्तारण, बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण, यातायात, पर्यटन, तापमान, वायु प्रदूषण की स्थिति और ध्वनि प्रदूषण का स्तर शामिल है। उन्होंने कहा कि इस अध्ययन में कई चोंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिन पर ध्यान देना आवश्यक है। अनूप नौटियाल ने इस अध्ययन रिपोर्ट को तैयार करने के लिए निहारिका सिंह की सराहना की।
   अनूप नौटियाल ने कहा कि गति फाउंडेशन समय-समय पर इस तरह के अध्ययन करवाता रहा है और आगे भी यह सिलसिला जारी रखा जाएगा। रिपोर्ट जारी करने के दौरान फाउंडेशन के ऋषभ श्रीवास्तव, प्यारे लाल, सूरज जैस्वाल, साहिल तोमर, मोनिशा बहुगुणा उपस्थित रहे।