हरिद्वार, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि एक सोची समझी साजिश के तहत भाजपा सरकार गंगा रक्षा को लेकर तपस्या कर रहे पूर्व प्रोफेसर ज्ञानस्वरूप सानंद का बलिदान लेना चाहती है, ताकि गंगा की निर्मलता के नाम पर करोड़ों रुपयों को ठिकाने लगाया जाता रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार आती है तो सानंद की सभी मांगों को पूरा किया जाएगा। 

रविवार को जल पुरुष राजेंद्र सिंह के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय नदी दिवस और मातृसदन आश्रम में चल रही सांनद की तपस्या के 101वें दिन हरकी पैड़ी से गंगा सद्भावना यात्रा का शुभारंभ किया। सद्भावना यात्रा गोमुख और गंगासागर तक जाएगी। इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि राजीव गांधी की सरकार से लेकर अब तक मोदी सरकार के कार्यकाल में गंगा की अविरलता और निर्मलता को बचाने के लिए सबसे कम काम हुआ है। सरकार की ओर से केवल गंगा के नाम पर नमामि गंगे नाम देकर हजारों करोड़ रुपये लूटने का काम किया गया है, लेकिन नमामि गंगे योजना पर न तो अब तक कोई फूल चढ़ा और न ही जल। जिससे सरकार को बताना चाहिए कि ये कैसी नमामि गंगे है, जिससे गंगा आज तक कहीं भी निर्मल और अविरल नहीं हुई। पूर्व सीएम ने कहा कि पूर्व प्रोफेसर सानंद की मांगों को दरकिनार करके सरकार ने एक बड़े पर्यावरणविद् और संत का निरादर किया है। जिससे सरकार में बैठे नुमाइंदों को मां गंगा कभी भी माफ नहीं करेगी। जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि गंगा की निर्मलता के नाम पर तो करोड़ों रुपये बहाया जा रहा है, बावजूद इसके फिर भी गंगा निर्मल नहीं हो रही है, लेकिन गंगा की अविरलता के लिए कोई कदम आज तक सरकार नहीं उठाया है, जबकि बिना अविरलता के गंगा की निर्मलता बन ही नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि अविरल गंगा का संकल्प लेकर शुरू की गई गंगा सद्भावना यात्रा गोमुख और गंगा सागर तक जाएगी, जिसमें शामिल गंगा भक्त लोगों को गंगा रक्षा के लिए जागरूक करेंगे।
इस मौके पर अनिल गौतम, जगदीश प्रसाद, ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, सतपाल ब्रह्मचारी, देश बंधु शर्मा “बाली”, संतोष चौहान, पुरुषोत्तम शर्मा आदि मौजूद रहे।