देहरादून, संत निरंकारी मण्डल के तत्वावधान में आयोजित रविवारीय सत्संग कार्यक्रम में 71वें निरंकारी संत समागम से प्रीत-प्यार, नम्रता एवं अनेकता में एकता के दिव्यगुणों से भरपूर हर्ष उल्लास से लौटी निरंकारी साध संगत को सद्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का पावन सन्देश देते हुये ज्ञान प्रचारक राजीव बिजल्वाण ने कहा कि सत्गुरु संसार में सत्य के प्रचार के लिए आता है और सत्य निराकार परब्रहम परमात्मा का बोध कराता है। जो मानवता का कल्याण करते है और दिलों में दया करुणा नम्रता प्रेम मिलवर्तन भाईचारे के दिव्यगुणों को फैलाते है, वैर नफरत निंदा द्वेष को दूर करते है।      उन्होंने कहा कि समागम में सत्गुरु माता सुदीक्षा ने अपने तीन दिवसीय संत समागम में श्रद्धालु भक्तों को भरपूर आशीर्वाद प्रदान किये। समागम से लौटे हर गुरुसिख के चेहरे पर खुशियों की मुस्कुराहट थी। समागम में लगभग 27 देशों से आये हुये 06 लाख से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए। सत्गुरु माता ने अपने आध्यात्मिक प्रवर्चनों में हर एक श्रद्धालु भक्त को सीख दी कि ‘‘ज्ञान की रोशनी से नफरत प्यार में बदल जाती है और यह तभी संभव होता है जब हमें एक निरंकार प्रभु परमात्मा की जानकारी हासिल होती है।’’ गौरतलब है कि निरंकारी मिशन मानवता के कल्याण के लिए युगों-युगों से यही सन्देश देता आ रहा है कि एक प्रभु परमात्मा जो सबका मालिक है उसे मिलकर आपस में प्यार बढ़ायें। जिससे जाति-पाति, ऊंच-नीचे, छोटे-बेड़े और अमीरी-गरीबी का कोई भी भेद-भाव न हो। मानवता के लिए समर्पित निरंकारी मिशन का यह दिव्य नजारा भूडवाल माजरी समालखा, हरियाणा राज्य में देखने को मिला। सत्संग समापन से पूर्व अनेकों प्रभु-प्रेमियों, भाई-बहनों एवं नन्हे-मुन्ने बच्चों ने गीतों एवं प्रवचनों के माध्यम से निरंकारी माता सुदीक्षा जी महाराज की कृपाओं का व्याख्यान कर संगत को निहाल किया। मंच का संचालन पूज्य दयानन्द नौटियाल जी ने किया।