देहरादून, विधान सभा में आयुष मंत्री डा0 हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में आयुर्वेद, होम्योपैथिक और यूनानी कालेज में फीस वृद्धि और प्रवेश के समस्या समाधान हेतुु बैठक की गयी। उच्च न्यायालय ने आयुर्वेदिक कालेज में निर्धारित की गयी रू0 2 लाख 15 हजार फीस को घटाकर रू0 80 हजार करने एवं फीस वापसी का निर्देश दिये हैं। इसके सम्बध में बैठक में कहा गया कि प्राइवेट कालेज की स्थिति ऐसी नहीं है कि फीस वापस कर सकें। उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के सम्बन्ध में व्यवस्था दी है कि 15 दिसम्बर तक निट द्वारा सीट नहीं भरी जाती है, तब तक प्राइवेट कालेज अपनी सीट भर सकता है। इस आधार पर बैठक में कहा है कि जब तक कोई आदेश नहीं मिलता है तब तक फीस वापिसी के मुददे को स्थगित रखा जायेगा। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जल्द कमेटी की बैठक बुलाकर फीस बृद्वि विषय पर निर्णय जाय। सरकार अपना पक्ष न्यायालय में रखेगी।

    प्रवेश की समस्या के सम्बन्ध में भी विचार किया गया कि प्राइवेट सेक्टर में 16 आयुर्वेदिक यूनानी कालेज प्रदेश में चल रहे हैं। इनमें लगभग 525 सीट रिक्त हैं, जबकि अन्तिम तिथि निकल चुकी है। प्राइवेट कालेज एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय में सीटों को भरने के लिये रिट याचिका दाखिल की है। इस सम्बन्ध में बैठक में कहा गया है कि सरकार का भी पक्ष है कि रिक्त सीटों को राज्य के हित में भरा जाना उचित है। इसके सम्बन्ध में राज्य सरकार एडवोकेट जनरल से सलाह लेगी। 

    आयुर्वेद पीजी कालेज के लगभग 40 सीटें उत्तराचंल आयुर्वेदिक कालेज राजपुर रोड एवं हिमालयी आयुर्वेदिक कालेज डोईवाला में रिक्त हैं। इसको भरे जाने हेतु प्राइवेट कालेज एसोसिएशन ने रिट याचिका दायर की है। बैठक में अपर मुख्य सचिव, डा0 रणवीर सिंह, प्रमुख सचिव विधायी आलोक वर्मा, सचिव आर0के0 सुधाशुं, कुलपति आयुर्वेदिक कालेज अभिमन्यु कुमार, चैयरमेन एसोसिएशन आफ उत्तराखण्ड प्राईवेड मेडिकल कालेज/निदेशक उत्तरांचल आयुर्वेदिक कालेज डा0 अश्वनी कम्बोज इत्यादि थे।