श्रीनगर गढ़वाल, राजकीय पॉलीटेक्निक श्रीनगर की ओर से संचालित की जा रही सामुदायिक विकास योजना के कार्यक्रमों को लेकर एडवाइजरी वर्किग कमेटी की बैठक हुई। जिसमें योजना से जुड़े विभिन्न पक्षों पर विचार किया गया।
बैठक में कहा गया कि सामुदायिक विकास योजना ग्रामीण युवा बेरोजगारों के लिए विशेष रूप से काफी लाभकारी है। राजकीय पालीटेक्निक के प्राचार्य डॉ. एसए सिद्धिकी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उद्यान्न, खादी ग्रामोद्योग सहित अन्य विभागों के विषय विशेषज्ञों ने भी भाग लिया।
प्राविधिक शिक्षा के उपनिदेशक एसके वर्मा ने सामुदायिक विकास योजना के अंतर्गत संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उद्यान विभाग के डॉ. सतीश चंद्र मिश्रा ने फूलों की खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के बारे में जानकारियां दी।
रेशम विभाग के निरीक्षक राजीव कुमार ने रेशम उद्योग को लेकर कीटपालन और उनके प्रशिक्षण के बारे में बताया।
खादी ग्रामोद्योग श्रीनगर के प्रबंधक जीएस मेहरा ने सूती वस्त्रों के उपयोग पर जोर देते हुए स्वरोजगारपरक चलायी जा रही योजनाओं की जानकारियां दी। सामुदायिक विकास योजना के प्रशिक्षक खुशीराम भट्ट ने व्यावसायिक खेती के बारे में बताया।
राजकीय पॉलीटेक्निक सिविल विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक गोयल ने कहा कि सौर ऊर्जा और सिलाई कटिंग आजीविका के बेहतर साधन भी बन सकते हैं।
योजना के आंतरिक समन्वयक प्रशांत बहुगुणा ने कहा कि पौड़ी जिले में सामुदायिक विकास योजना के अंतर्गत पांच प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं जिसमें वर्तमान में कुल 236 अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं।
प्राविधिक शिक्षा के उपनिदेशक एसके वर्मा ने सामुदायिक विकास योजना के अंतर्गत संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया। उद्यान विभाग के डॉ. सतीश चंद्र मिश्रा ने फूलों की खेती, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन को स्वरोजगार से जोड़ने के बारे में जानकारियां दी।
रेशम विभाग के निरीक्षक राजीव कुमार ने रेशम उद्योग को लेकर कीटपालन और उनके प्रशिक्षण के बारे में बताया।
खादी ग्रामोद्योग श्रीनगर के प्रबंधक जीएस मेहरा ने सूती वस्त्रों के उपयोग पर जोर देते हुए स्वरोजगारपरक चलायी जा रही योजनाओं की जानकारियां दी। सामुदायिक विकास योजना के प्रशिक्षक खुशीराम भट्ट ने व्यावसायिक खेती के बारे में बताया।
राजकीय पॉलीटेक्निक सिविल विभाग के अध्यक्ष डॉ. विवेक गोयल ने कहा कि सौर ऊर्जा और सिलाई कटिंग आजीविका के बेहतर साधन भी बन सकते हैं।
योजना के आंतरिक समन्वयक प्रशांत बहुगुणा ने कहा कि पौड़ी जिले में सामुदायिक विकास योजना के अंतर्गत पांच प्रशिक्षण केंद्र संचालित किए जा रहे हैं जिसमें वर्तमान में कुल 236 अभ्यर्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं।