ऋषिकेश, हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन की ओर से हटाए जा रहे अतिक्रमण पर लोक निर्माण विभाग सचेत नजर नहीं आ रहा है। लोक निर्माण विभाग के अधिकारी निशान तो लगा रहे हैं, लेकिन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से किनारा कर रहे हैं। दो सप्ताह पूर्व विभाग की ओर से वीरपुर खुर्द में जो निशान लगाए गए थे, वे आज भी जस की तस हालत में हैं। हालत यह है कि कोर्ट के आदेश पर अभियान का कोरम तो पूरा हो रहा है, लेकिन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की बारी नहीं आ रही है। कागजों का पेट भरने के लिए गरीबों के जर्जर मकान ढहाए जा रहे हैं। जबकि गगनचुंबी इमारतों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। बीते शनिवार को एचआरडीए की ओर से पहला कदम उठाया गया और परशुराम चैक स्थित एक कांप्लेक्स की कुल 21 दुकानें सील कर दी गई थीं। हंगामे के चलते उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने तीन दिन के समय की मोहलत दुकानदारों को दी थी। एसडीएम प्रेमलाल के मुताबिक यहां कुल 70 दुकानें हैं। इनमें से कई दुकानों के मूल आवंटी और वर्तमान आवंटी के नामों में गड़बड़ी पाई गई है। लिहाजा मामले की जांच कराई जा रही है। आवंटन का मामला स्पष्ट होने के बाद दोबारा कार्रवाई होगी।
बीविभाग ने वीरभद्र मार्ग पर हाल ही में खुले एक होटल के बाहर निशान तो लगाया परंतु कार्रवाई नहीं हुई। इसके उलट इस होटल के आगे और पीछे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। वहीं विभाग के सहायक अभियंता आरसी कैलखुरा ने कहा कि अतिक्रमण की जद में जो भी आएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।