देहरादून, वर्तमान वित्तीय वर्ष में आरआईडीएफ योजनान्तर्गत नई योजनाओं के प्रस्ताव नाबार्ड को सन्दर्भित किये जाने के सम्बन्ध में सर्वप्रथम सचिव, वित्त द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्श में नाबार्ड की आरआईडीएफ योजान्तर्गत लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग एवं पेयजल विभाग की योजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया। लोक निर्माण विभाग हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में नई योजनायें स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में निर्धारित सीमा रू 350.00 करोड़ के सापेक्ष रू 328.97 करोड़ की योजनायें नाबार्ड द्वारा स्वीकृत की जा चुकी है। अवषेश धनराषि 21.03 करोड़ के सापेक्ष अपर मुख्य सचिव, लोक निर्माण विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि रू 26.00 करोड़ के प्रस्ताव टी0ए0सी0 एवं ई0एफ0सी0 कराने के पश्चात् यथाशीघ्र वित्त विभाग को उपलब्ध करा दिया जायेगा।
सिंचाई विभाग हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में नई योजनायें स्वीकृत किये जाने के सम्बन्ध में निर्धारित सीमा रू 130.00 करोड़ के सापेक्ष रू 134.36 करोड़ की योजनाओं के प्रस्ताव नाबार्ड को प्रेशित किये गये है, जो कि नाबार्ड के स्तर पर विचाराधीन है। इन परियोजनाओं की स्वीकृति में हुए विलम्ब के सम्बन्ध में नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि कुछ परियोजनाओं के डी0पी0आर0 एवं अन्य अपेक्षित अभिलेख देर से प्राप्त होने के कारण स्वीकृति में विलम्ब हुआ है। इस सम्बन्ध में मा0 वित्त मंत्री जी द्वारा नाबार्ड को निर्देशित किया गया कि जिन परियोजनाओं के डी0पी0आर0 नाबार्ड को प्राप्त हो जाय, उनकी स्वीकृति के सम्बन्ध में प्रस्ताव यथावष्यक कार्यवाही की जाय, जिससे अनावश्यक विलम्ब से बचा जा सके। सचिव, पेयजल विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि टी0ए0सी0/ई0एफ0सी0 से सम्बन्धित बिन्दुओं का निराकरण किये जाने में कुछ विलम्ब हुआ है। यद्यपि जनपद उधमसिंहनगर में टिगरी पेयजल योजना (अनुमानित लागत रू 4.44 करोड़) का प्रस्ताव वित्त विभाग आज प्रेशित कर दिया गया है। इस सम्बन्ध में मा0 मंत्री जी द्वारा निर्धारित सीमा के सापेक्ष अवषेश धनराषि के प्रस्ताव टी0ए0सी0/ई0एफ0सी0 कराते हुए यथाशीघ्र उपलब्ध करायें।
इसके अतिरिक्त सिंचाई विभाग एवं पेयजल विभाग के अनुरोध के क्रम में मंत्री द्वारा सिंचाई विभाग एवं पेयजल विभाग को निर्देश दिया गया कि नाबार्ड को प्रेशित किये जाने सम्बन्धी परियोजनाओं के डी0पी0आर0 तैयार कर उनका टी0ए0सी0 एवं ई0एफ0सी0 आदि कराकर तैयार रखे जिससे अन्य विभागों (विशेषकर कृशि एवं एम0एस0एम0ई0) की नई योजनाओं हेतु निर्धारित सीमा के अवषेश के सापेक्ष इन योजनाओं के प्रस्ताव नाबार्ड को ससमय प्रेशित किये जा सके। नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि उप निदेशक, शिक्षा विभाग द्वारा नाबार्ड को प्रेशित परियोजनाओं के सापेक्ष लगभग रू 15.00 करोड़ की परियोजनाओं को नाबार्ड से वित्तपोशित न कराये जाने के सम्बन्ध में अवगत कराया गया है। इस सम्बन्ध में मंत्री द्वारा सचिव, शिक्षा विभाग को यह निर्देष दिये गये कि शासन द्वारा प्रेषित प्रस्ताव को निदेषालय द्वारा अपने स्तर से मना किये जाने के सम्बन्ध में स्थिति स्पष्ट कराये। नाबार्ड द्वारा वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु नई योजनाओं की आबंटन सीमा एवं क्पेइनतेउमदज सीमा को बढ़ाये जाने का अनुरोध किया गया। इस सम्बन्ध में सचिव, वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान वित्तीय वर्श में नई योजनाओं हेतु निर्धारित सीमा में वृद्धि किये जाना सम्भव नहीं है। नाबार्ड द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड राज्य की नई योजनाओं के लिये आबंटित रू 800.00 करोड़ के सापेक्ष अवषेश रू 130.00 करोड़ की सीमा को नाबार्ड मुख्यालय द्वारा किसी अन्य राज्य को आवंटित किया जा सकता है। अदायगी सीमा को बढ़ाये जाने के सम्बन्ध में सचिव, वित्त विभाग द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त सीमा को लगभग रू 800.00 करोड़ किये जाने के सम्बन्ध में विचार किया जायेगा।