देहरादून। देवभूमि खबर। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा सोमवार को विधानसभा में राज्य में समूह ’ग’ की भर्तियो में पारदर्शिता के लिए एक महत्वपूर्ण एवं अभिनव पहल का शुभारम्भ किया। उत्तराखण्ड राज्य में समूह ’ग’ की सेवाओं में भर्ती के लिए प्रथम बार यह कदम उठाया गया है। अब भविष्य में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की सभी परीक्षाओं में परीक्षा परिणाम निकाले जाने के साथ ही सभी अभ्यर्थियों की मूल ओ.एम.आर. शीट की स्कैन प्रति भी आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगी। अभ्यर्थी अपनी जन्मतिथि व अनुक्रमांक डालकर मूल ओ.एम.आर. शीट की स्कैन प्रति देख सकेंगे, जिसके आधार पर संबंधित परीक्षा का परिणाम निकाला गया है।
इसके पहले 21 मई, 2017 से उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा प्रथम बार प्रदेश में तीन प्रतियों वाली मूल ओ.एम.आर. शीट का उपयोग प्रारम्भ किया गया था। इनमें प्रथम-मूल ओ.एम.आर. शीट गुलाबी रंग की है। यह परीक्षा परिणाम निकालने के लिए उपयोग में लाई जाती है। द्वितीय प्रति नारंगी रंग की है व यह प्रति परीक्षा केन्द्र से सीधे कोषागार जाती है व कोषागार में ही संबंधित पदों की अंतिम नियुक्ति हो जाने तक रखी जा रही है। तृतीय प्रति हरे रंग की है व इसे अभ्यर्थी परीक्षा के उपरान्त अपने साथ ले जाते है।
राज्य सरकार के इस निर्णय से अभ्यर्थी परीक्षा के दिन ले गई ओ.एम.आर. शीट तथा मूल ओ.एम.आर. शीट का मिलान कर यह सुनिश्चित कर सकेगा कि उसमें कोई परिवर्तन नही हुआ है। साथ ही मूल ओ.एम.आर. शीट व वेबसाइट आंसर-की के मिलान से यह भी स्वतः स्पष्ट हो जायेगा कि अभ्यर्थी को सही अंक मिले है।
अभ्यर्थियों को इस कदम से यह भी स्पष्ट होगा कि उनके द्वारा ओ.एम.आर. शीट पर उत्तर विकल्पों में 2 गोले बनाना, व्हाइटनर लगाया या उसे ब्लेड से खुरचने आदि पर उनके अंक काटे गये है। इससे भविष्य में ओ.एम.आर. शीट को सही ढंग से भरे जाने की प्रवृत्ति बढ़ेगी। स्वच्छ ओ.एम.आर. शीट्स होंगी व अभ्यर्थी को भी धीरे-धीरे इसका लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि आयोग द्वारा परीक्षा संचालन नियमों में यह पहले से स्पष्ट कर दिया गया है कि एक उत्तर में एक से अधिक गोले बनाना या 2 चिन्ह् बनाना, व्हाइटनर लगाना, खुरचना या अन्य तरह से ओ.एम.आर. शीट में छेड़छाड करने पर उस प्रश्न के लिए ऋणात्मक अंक दिया जायेगा।
कार्यक्रम में जानकारी दी गई कि परीक्षा के कलेंडर का समय पर प्रकाशन, परीक्षा के लिए यथा संभव बड़े व प्रतिष्ठित परीक्षा केन्द्रों का चयन, परीक्षा केंद्रो, केंद्र व्यस्थापकों, कक्ष निरीक्षकों, पर्यवेक्षकों व मजिस्ट्रेट के लिए सुस्पष्ट दिशा निर्देशों का गठन, परीक्षा से संबंधित सूचनाएं समाचार पत्रों, विभागीय वेबसाइट तथा एस.एम.एस. के माध्यम से अभ्यर्थियों को देना, प्रत्येक केंद्र पर मुख्य शिक्षा अधिकारी के माध्यम से पर्यवेक्षक की तैनाती व जिलाधिकारी के द्वारा एक मजिस्ट्रेट की तैनाती, चेकिंग व फ्रिस्किंग के लिये पुलिस विभाग के सहयोग से न्यूनतम एक महिला व एक पुरूष कांस्टेबल, होमगार्ड की प्रत्येक केन्द्र पर तैनाती, प्रत्येक केंद्र पर परीक्षा कंट्रोल रूम व यथासंभव परीक्षा कक्ष की वीडियोग्राफी, समयबद्ध आधार पर परीक्षाओं का आयोजन व परीक्षा परिणाम आदि जारी करना, निकट भविष्य में प्रायोगिक तौर पर ऑनलाइन परीक्षाओं को प्रारम्भ किये जाने के लिए कार्यवाही करना, आयोग की परीक्षाओं का प्रश्न पत्र वेबसाइट पर डालना आदि कदम उठाये गये है, ताकि प्रतियोगात्मक परीक्षाओं को पारदर्शी बनाया जा सकें।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत, आयोग के अध्यक्ष एस.राजू, सदस्य दिवान सिंह भैसोड़ा, महेश चन्द्र, आयोग के सचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त नियंत्रक व अनुसचिव सहित आयोग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।