हल्द्वानी,चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति की ओर से शुक्रवार को हल्द्वानी नगर निगम सभागार में राज्य आंदोलनकारी महापंचायत का आयोजन किया गया। इस मौके पर समिति की ओर से वित्त मंत्री प्रकाश पंत को 14 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा गया। आंदोलनकारियों ने राज्य गठन के 17 साल बाद भी मांगों का निराकरण न किए जाने पर आक्रोश जताया। महापंचायत को संबोधित करते हुए समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जेपी पांडे ने कहा यदि वर्तमान प्रदेश सरकार ने आगामी 18 सितंबर से आरंभ हो रहे विधानसभा सत्र में आंदोलनकारियों की मांगों पर विचार नहीं किया तो 2 अक्टूबर को प्रदेशभर के आंदोलनकारी देहरादून कूच करेंगे। उन्होंने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद वित्त मंत्री प्रकाश पन्त को 14 सूत्रीय मांग पत्र पढ़कर सुनाया। जिसमें राज्य आंदोलनकारी रहे लोगों को राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा दिए जाने, आंदोलनकारियों को नौकरियों में दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की सुविधा देने और सभी आंदोलनकारियों को उनकी मृत्यु के पश्चात उनकी विधवा पत्नी आश्रितों को भी पेंशन का लाभ जाने की मांग की। उन्होंने कहा राज्य आंदोलन में भागीदार रहने वाले तमाम आंदोलनकारी अभी चिन्हीकरण से वंचित है। इसलिए चिन्हीकरण की समय सीमा को बढ़ाकर 6 माह किया जाए। उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में केवल राज्य के भीतर ही 65 वर्षीय उम्र के लोगों को मुफ्त यात्रा की सुविधा मिल रही है, जबकि प्रदेश से बाहर जाने वाली बसों व अन्य प्रदेशों से आने वाली उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों में भी राज्य आंदोलनकारियों एवं 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त यात्रा सुविधा मिलनी चाहिए।
इसके साथ ही राज्य आंदोलनकारी के साथ यात्रा करने वाले एक सहवर्ती को भी मुफ्त सुविधा दी जाए। महापंचायत में समिति के केंद्रीय संयोजक धीरेंद्र प्रताप ने कहा उत्तराखंड आंदोलन के दौरान गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने की मांग की गई थी, लेकिन आज तक गैरसैंण को लेकर स्पष्ट निर्णय नहीं लिया जा सका। उन्होंने कहा राज्य की भौगोलिक सांस्कृतिक एवं आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य की राजधानी गैरसैंण को बनाया जाए।