देहरादून, गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान कर्मी व बेरोजगार पुलिस को चकमा देकर सचिवालय के प्रवेश द्वार के समक्ष पहुंचे तो पुलिस में अफरा तफरी मच गई और बेरोजगारों ने वहां पर प्रदर्शन कर धरना दिया और इस बीच एसडीएम मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाया और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा और उसके बाद धरनास्थल पर वापस लौट आये।
    यहां गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान कर्मी व उत्तराखंड बेरोजगार महासंघ से जुडे हुए बेरोजगार उत्तराखंड सचिवालय के प्रवेश द्वार के समक्ष इकटठा हुए ओर वहां पर मिलकर जमकर प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गये। आज के प्रदर्शन के माध्यम से राज्य सरकार से मांग की गई है कि समूह ग की भर्ती हेतु प्रदेश के रोजगार पंजीयन कार्यालयों में पंजीकरण को अनिवार्य किया जाए एवं प्रदेश के स्थानीय युवक-युवतियों को प्राथमिकता देने के लिए अध्यादेश लाया जाए।  आंदोलनकारियों का कार्यक्रम इस आशय से महत्वपूर्ण व सृजित हुआ था कि आज प्रदेश कैबिनेट की बैठक सरकार द्वारा आहूत की गई है। उत्तराखंड बेरोजगार संघ’ और ’गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान’ की मांग है कि प्रदेश कैबिनेट समूह ग पर अध्यादेश लाने का त्वरित निर्णय ले और और आगामी विधानमंडल सत्र में तत्संबंधी अधिनियम लेकर आए, जिसके द्वारा प्रदेश के समूह ग में स्थानीय युवकों व युवतियों को रोजगार में प्राथमिकता मिले। जोरदार नारेबाजी के बीच दोनों संगठनों ने बेरोजगारों के पक्ष में और गैरसैंण राजधानी को लेकर वहीं सचिवालय के आगे धरना पर बैठे। जिला प्रशासन की मध्यस्तता पर एसडीएम प्रत्यूष सिंह आक्रोशित बेरोजगार युवाओं और गैरसैंण आंदोलनकारियों से ज्ञापन लेने पहुंचे। जबरदस्त नारोबाजी के उपरांत राज्य आंदोलनकारी ने सचिवालय में किए गए प्रदर्शन व धरना की आवश्यकता बताई। उत्तराखंड बेरोजगार संघ जिसके नेतृत्व में आज का प्रदर्शन व धरना आयोजित किया गया था के अध्यक्ष बॉबी पंवार’ ने ज्ञापन पढ़कर सुनाया। 
आज सचिवालय गेट के समक्ष प्रदर्शन करने व धरना कार्यक्रम में भाग लेने वालों में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार, गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के मनोज ध्यानी, निरंजन चौहान, निखिल बिष्ट, सुशील सिंह कैन्तुरा, कमल काँत, अमित राणा, अजय त्रिकोटी, नवीन डोभाल, मनोज भंडारी, रवि मूंगा, मदन बिष्ट, श्रीधर रावत, नितेश, धीरेन्द्र परिहार, कमल सिंह, आलोक सिंह, पुरुषोत्तम सती, आशीष नेेगी  आदि प्रमुख थे।