एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंदन को भी नहीं बख्शा
सचिवालय कूच से पहले सामने आई गुटबाजी
देहरादून, 13 फरवरी : “सूत न कपास,जुलाहों में लट्ठम लठ” अगर इस कहावत को आसानी से समझना हो तो आप उत्तराखंड आ सकते हैं। प्रदेश की अस्थाई राजधानी में राजपुर रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी के का कार्यालय है जहाँ अक्सर ऐसी घटनाएं दिखने को मिलती रहती हैं। यूपी में रहते हुए तो फिर भी यह बीमारी कम थी मगर उत्तराखंड बनने के बाद बनी पहली निर्वाचित सरकार के मुखिया स्व0 एन0 डी0 तिवारी के नाम की घोषणा होते ही यह बीमारी असाध्य रोग में तब्दील हो गयी। उसके बाद यह रोग युवा कांग्रेस से होते हुए पार्टी की पौधशाला कहे जाने वाले छात्र विंग एनएसयूआई तक पहुँच चुकी हैं। अंदर से आए दिन रार की खबरें आती रहती हैं। कभी वरिष्ठ नेता आपस में एक दूसरे पर बयानबाजी करते हुए नजर आते हैं।
ताजा घटना क्रम में सोमवार को भी कुछ ऐसा ही नजरा देखने को मिला, जब एनएसयूआई के दो गुट उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में एक-दूसरे पर बेल्ट चलाते हुए आपस में ही भिड़ गए। दोनों पक्षों के काफी देर तक ऐसे ही जूत-पतरम चलती रही। हाथापाई कितनी जबरदस्त थी इसका अंदाजा इसी बात से लग सकता है कि दोनों गुटों को काबू करने के लिए पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। विवाद इतना बढ़ गया है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को बीच में आना पड़ा तब जाकर मामला शांत हुआ।
बताया जा रहा है कि एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के नेतृत्व में एनएसयूआई का एक गुट अपना आक्रोश जताते के लिए कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय के गेट पर पहुंचा था। इसी दौरान दूसरे गुट के कार्यकर्ताओं ने उन्हें कांग्रेस भवन के अंदर आने से रोकने के लिए गेट को बंद कर दिया। फिर क्या था, दोनों गुटों में जमकर बेल्ट और लात-घूंसे चले। इस झगड़े ने एक बार फिर से कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी की पोल खोल कर रख दी है। वहीं, इस झगड़े से बीजेपी को एक बार फिर से कांग्रेस पर तंज कसने का मौका मिल गया है।
दूसरे गुट ने एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन को भी नहीं बख्शा। उन्हें भी दौड़ा-दौड़ाकार कर बैल्टों से मारा। इस दौरान मुख्यालय में उपस्थित अन्य पदाधिकारियों ने मामले को शांत कराना। दोनों पक्षों को किसी तरह से मनाया।