इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से भी चेतावनी जारी

यदि आप तेज बुखार और लंबे वक्त से खांसी से परेशान हैं तो सतर्क हो जाइए। देश में तेज बुखार और खांसी का मौजूदा प्रकोप इन्फ्लूएंजा ए के एच3एन2 वायरस (H3N2 Virus) के कारण है। आईसीएमआर के अनुसार, H3N2 अन्य वायरस की तुलना में ज्यादा प्रभावी है। इससे पीड़ित लोग तेजी से अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं। ICMR देश भर में अपने वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरीज (VRDLs) के नेटवर्क के जरिए वायरस से होने वाली बीमारियों पर लगातार नजर बनाए रखता है।

होली के त्योहार से ठीक पहले देश में एक वायरस का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना काल से छाप अभी लोगों के दिलों दिमाग से हटी नहीं है और लगातार नए खतरे चिंता बढ़ा रहे हैं। ताजा मामला एच3एन3 वायरस को लेकर सामने आया है। इस वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि इसको लेकर केंद्र से लेकर राज्य सरकारें भी अलर्ट मोड पर हैं। वहीं इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च यानी ICMR और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से भी चेतावनी जारी की गई है। आइए जानते हैं क्या है इन्फ्लूएंजा h3n2 वायरस, क्या है इसके लक्षण और क्या बरतें सावधानियां।

क्या है h3n2 वायरस
यह एक तरह की बीमारी है जो सांस संबंधी परेशानी से जुड़ी हुई है। ये संक्रमण है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से हो सकता है।

क्या है h3n2 वायरस के लक्षण
इस वायरस के लक्षण काफी सामान्य हैं। जिस तरह कोरोना वायरस के शुरुआत लक्षण सर्दी, जुकाम और बुखार था, उसी तरह इस वायरस में भी आपको सबसे पहले खांसी या गले में इंफेक्शन जैसी परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही उल्टी, जी घबराना, गले के साथ-साथ शरीर में दर्द और दस्त जैसी समस्या भी हो सकती है। अगर इनमें से कोई भी लक्षण एक दिन से ज्यादा दिखाई दे तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें और उचित उपचार शुरू करें।

एंटीबायोजिक से बचें
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से जारी की गई चेतावनी के मुताबिक, इस तरह के किसी भी वायरस के संपर्क में आने पर एंटीबायोटिक का सेवन बिल्कुल ना करें। इससे मुश्किल और बढ़ सकती है और साइड इफेक्ट का खतरा भी बढ़ जाता है। आईएमए ने ये हिदायत डॉक्टरों को भी दी है कि वे अपने पेशेंट्स को किसी भी कीमत पर एंटीबायोटिक का सेवन ना करने दें। आईएमए का कहना है कि इस वायरस में एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं है।

राहत की बात
एच3एन2 वायरस में सबसे ज्यादा राहत की बात यह है कि ये वायरस जानलेवा नहीं है। जिस तरह कोरोना से संक्रमित लोग पहले सीधे जान से हाथ धो बैठते थे। वैसा खतरा इस वायरस में नहीं है. हालांकि सांस की समस्या के चलते मुश्किल बढ़ सकती है। यही नहीं इस वायरस से संक्रमित लोग ज्यादा दिन तक बीमार भी रह सकते हैं।

ये करें
हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं।
फेस मास्क पहनें और भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें।
अपनी नाक और मुंह को छूने से बचें।
खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छी तरह से ढक लें।
हाइड्रेटेड रहें के साथ ही ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन करें।
बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।

ये न करें

हाथ मिलाने की बजाय अभिवादन के लिए दूसरा तरीका इस्तेमाल करें।
सार्वजनिक रूप से ना थूकें।
खुद से कोई दवाई खास तौर पर एंटीबायोटिक्स ना लें।
भीड़ या ज्यादा लोगों के बीच बैठकर खानें से भी बचें।

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