हल्द्वानी, 31 दिसम्बर : बनभूलपुरा में रेलवे अतिक्रमण हटाने को लेकर नए साल की शुरुआत में रेलवे की तरफ मुनादी करवाई जाएगी। इसके साथ ही पुलिस व केंद्रीय सुरक्षा बलों के आने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा।
एसएसपी पंकज भट्ट के अनुसार नौ कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) भी सुरक्षा के लिहाज से पहुंचेगी। इसके अलावा रेलवे पुलिस फोर्स (आरपीएफ) की दस कंपनी आनी है। पहले इसकी पांच कंपनी बुलाई जा रही थीं।
हाई कोर्ट के आदेश पर बनभूलपुरा क्षेत्र से रेलवे की करीब 78 एकड़ जमीन से अतिक्रमण हटाया जाना है। अतिक्रमण की जद में करीब 4365 घर आ रहे हैं। बड़ी कार्रवाई के दौरान शांति व्यवस्था बरकरार रखना पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रहेगी। इसके लिए लगातार बैठक कर रणनीति बनाई जा रही है। सबसे पहले ढोलक बस्ती क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाएगा।

क्या है ये मामला

हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के निकट रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर पिछले 40 वर्षों से अतिक्रमण है। इसमें 4168 परिवार बसे हैं। 2007 में पहली बार अतिक्रमण हटाने की कवायद हुई थी। तब कुछ हद तक हटाया भी गया था, लेकिन बाद में फिर अतिक्रमण बढ़ता गया। इसके बाद वर्ष 2016 से गौलापार निवासी आरटीआइ एक्टिविस्ट रविशंकर जोशी की याचिका के बाद हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। तब भी कुछ हद तक अतिक्रमण हटा था, लेकिन बाद में स्टे लग गया था। अब एक बार फिर से हाई कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए हैं।

क्या है प्रशासन कि तेयारी

30 दिन तक चलने वाले अतिक्रमण अभियान के दौरान सुरक्षा के लिए करीब 35 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स मंगाई गई है। इसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही करीब 50 से अधिक सीओ स्तर के अधिकारी होंगे। इन सबके ठहरने वाली जगह के साथ ही वहां पर बिजली, पानी व शौचालय की व्यवस्था करनी है

पूरी व्यवस्था के लिए जिला प्रशासन ने वरिष्ठ अधिकारियों की टीम तैयार कर फोर्स के रहने, खाने, बिजली, पानी के इंतजाम का आंकलन शुरू कर दिया है। डीएम धीराज सिंह गब्र्याल ने सिटी मजिस्ट्रेट, मुख्य नगर अधिकारी, आरटीओ, एसडीएम, सीओ सिटी स्तर पर टीम बनाई है। यह टीम शहर के गेस्ट हाउस, स्टेडियम से लेकर होटल व स्कूलों का आंकलन करने में जुटी है। इनमें देखा जा रहा है कि कहां कितनी फोर्स रुक सकती है और क्या-क्या इंतजाम किए जा सकते हैं? इसमें पैरामिलिट्री फोर्स को निर्धारित स्थल तक लाने के लिए वाहनों का इंतजाम भी करना है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें करीब 30 करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं। यह खर्च रेलवे को ही वहन करना है। इसके लिए रेलवे के अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। रेलवे, प्रशासन के जरिये भी खर्च कर सकता है और सीधे भी व्यय कर सकता है। इसके अलावा बड़ी संख्या में स्थानीय पुलिस भी मौजूद रहेगी। अधिकारियों के लिए अलग और सिपाहियों के लिए अलग इंतजाम करना है।