नैनीताल, हाईकोर्ट नैनीताल ने उत्तराखंड में बदरीनाथ, केदारनाथ सहित चारधाम यात्रा पर पूर्व में लगाई गई रोक के आदेश को 18 अगस्त तक आगे बढ़ा दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह रोक तब तक जारी रहेगी जब तक इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से कोई आदेश जारी नहीं होता। सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई। मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता शिव भट्ट ने कोर्ट से कहा कि सरकार की ओर से चारधाम यात्रा को लेकर एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में पेश की जा चुकी है। इसमें सुप्रीम कोर्ट में अभी तक सुनवाई नहीं है। अधिवक्ता ने कहा कि लिहाजा चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को आगे बढ़ाया जाए। इस पर सरकार की ओर से भी सहमति जताई गई।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक के आदेश को आगे बढ़ा दिया है। कहा है कि जब तक सुप्रीम कोर्ट की ओर से एसएलपी के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं हो जाता हो जाता, यह रोक जारी रहेगी। गौरतलब है कि यमुनोत्री धाम के कपाट 14 मई, गंगोत्री 15 मई, केदारनाथ 17 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 18 मई को खोल दिए गए थे। लेकिन, कोरोना संक्रमण की वजह से सरकार ने श्रद्धालुओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं दी है।पर्यटक स्थलों पर भीड व कोविड नियमों के उल्लंघन पर भी कोर्ट ने चिंता जताई। कोर्ट ने सरकार से कहा कि जिलाधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि पर्यटन स्थलों की क्षमता के अनुसार ही पर्यटकों को एंट्री दी जाए। कोविड जांच के उपरांत ही पर्यटकों को आने दिया जाए। नैनीताल में ही 75 प्रतिशत पर्यटक एसओपी का अनुपालन नहीं कर रहे हंै। शेष 25 प्रतिशत समाजिक दूरी का अनुपालन नहीं कर रहे हैं। इसी की वजह से पिछले सप्ताह नैनीताल में 10 कोविड पॉजिटिव केस मिले। एक पर्यटक द्वारा महिला पुलिस के साथ मारपीट की गई। सरकार ने उस पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। अभी तक कोविड प्रोटोकॉल तोडने वाले कितने लोगों पर मुदकमा दर्ज हुआ 18 जुलाई तक कोर्ट को बताएं।