देहरादून,1 अप्रैल: आडिट विभाग के 8 अधिकारियों की पदोन्नति हेतु 28 मार्च को डीपीसी हो जाने के बाद भी आदेश जारी नहीं हो पाने से आज एक वरिष्ठ अधिकारी वगैर प्रमोशन के ही रिटायर हो गये । तीन दिन पूर्व हुई डीपीसी के तुरन्त बाद से ही वित्त मंत्री से फाइल में अनुमोदन लेने के लिए अधिकारी भागदौड में जुटे थे लेकिन अनुमोदन नहीं हो सका ।
इसके कारण संयुक्त निदेशक के पद पर प्रमोशन हेतु चयनित हो जाने के बावजूद 25 साल से उपनिदेशक के पद पर तैनात सोबन सिंह नगन्याल आज वगैर प्रमोशन के ही रिटायर हो गये ।
श्री नगन्याल के पास विगत 3-4 साल से राष्ट्रीय बचत निदेशालय के संयुक्त निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार भी था । आज उनकी सेवानिवृत्ति के अवसर पर निर्वाचन भवन में हुए विदाई समारोह में आडिट एवं बचत निदेशालय के सभी अधिकारी और कार्मिको के अलावा उनके परिवारीजन भी थे । हालांकि विभागीय अधिकारियों व कार्मिको मे डीपीसी के बाद भी प्रमोशन न हो पाने की टीस साफ नजर आ रही थी लेकिन उनके परिवारीजनों ने इसे नजरअंदाज कर पूरे माहौल को खुशनुमा बना दिया । इस अवसर पर जहां एक ओर सचिव वित्त डा. एस.एन. पाण्डे ने उन्हें शाॅल पहनाकर प्रतीक चिह्न भेंट किये वहीं उनके अनुज जीवन सिंह नगन्याल जो अपर आयुक्त कुमाऊं मण्डल हैं , ने अपने हाथों से उनके सिर पर नौ मीटर लम्बी सफेद रंग की पगडी बांधी और सभी परीजनों ने परम्परागत तरीके से नाच गाने व हर्षोल्लास के साथ उनका जोरदार स्वागत किया ।
चयन के बाद भी श्री नगन्याल की पदोन्नति नहीं होने पर उत्तराखण्ड कार्मिक एकता मंच के संस्थापक अध्यक्ष एवं उत्तराखण्ड लेखा परीक्षा सेवा संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है । उन्होंने कहा कि बेवजह रोके गये प्रमोशन के मामलों मे जवाबदेही तय करने के लिए उनके द्वारा सरकार के सामने आडिट विभाग का उदाहरण रखा था मगर इसे नजरअंदाज किया जाता रहा और दर्जनों कार्मिको के वगैर पदोन्नति के रिटायर होने से क्षुब्ध होकर एकता मंच ने जवाबदेही और न्याय के लिए चितई स्थित न्याय के प्रतीक गोलज्यू के मन्दिर में भी फरियाद की थी । उन्होने कहा कि श्री नगन्याल की पदोन्नति के लिए सचिव वित्त एवं निदेशक आडिट डा. सुरेंद्र नारायण पाण्डे द्वारा हरसम्भव प्रयास किया लेकिन वित्त मंत्री की संवेदनहीनता के चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति उत्पन्न हुई जो निन्दनीय है । कहा कि राज्य गठन के बाद से ही संयुक्त निदेशक का पद खाली था । 22साल से इस पद पर पदोन्नति की बाट जोह रहे थे ।
कार्मिक एकता मंच के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड असिस्टेंट आडिट आफिसर रमेश चंद्र पाण्डे ने कहा कि श्री नगन्याल की 32 साल की राजकीय सेवा में मातहतों के प्रति उनका व्यवहार सरल और आत्मीयतापूर्ण रहा ।
अपर सचिव वित्त डा. इकबाल अहमद की अध्यक्षता में 28 मार्च को हुई डीपीसी में संयुक्त निदेशक के 2 और उप निदेशक के 6 पदों पर चयन हुआ है । संयुक्त निदेशक में बिपिन बिहारी लाल और सोबन सिंह नगन्याल का चयन हुआ जबकि उप निदेशक के पद पर वी के सिंह, मनोज कुमार सिंह, विजयप्रताप सिंह, रघुराज सिंह, तरुण पाण्डे, और श्रीमती इन्दिरा भट्ट का चयन हुआ ।