उत्तराखंड कांग्रेस में इस वक्त गुटबाजी चरम पर है, राज्य कांग्रेस दो हिस्सों में बंटी नजर आ रही है। जिसमें एक खेमा हरीश रावत के साथ है तो वहीं दूसरा खेमा वर्तमान कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के साथ हैं। दोनों टीमों के बीच चूहे- बिल्ली का खेल इस वक्त दिल्ली में चल रहा है, राज्य कांग्रेस के अधिकतर नेता और विधायक इस वक्त दिल्ली में मौजूद हैं। दोनों खेमों के बीच चल रही नूराकुश्ती को हाईकमान भी नहीं संभाल पा रहा है। दरअसल उत्तराखंड में कांग्रेस नेता इंदिरा हृदयेश की मौत के बाद राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है, अगले नेता प्रतिपक्ष पर फैसला लेने के लिए इस समय राज्य कांग्रेस के अधिकतर नेता दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ बैठक कर रहे हैं लेकिन राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों खेमे ताल ठोक कर मैदान में डटे हुये हैं।


देहरादून: नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश के निधन के बाद नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस हाईकमान उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रीतम सिंह को इस पद को देने पर विचार कर रहे हैं तो वहीं उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर आर्येन्द्र शर्मा का नाम आगे आ रहा है।


बीती रात यानी 30 जून को आर्येन्द्र शर्मा दिल्ली से देहरादून पहुँचे थे और 1 जुलाई की सुबह दोबारा उन्हें दिल्ली के लिए रवाना होने पड़ा। अचानक कांग्रेस आलाकमान का आर्येन्द्र शर्मा को दुबारा दिल्ली बुलाने के पीछे कोई अहम कारण हो सकता है।
बता दें कि जब से उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पद पर आर्येन्द्र शर्मा का नाम लिया जा रहा है तो राजनीतिक गलियारे में हलचल शुरू हो गयी है। 30 जून के राजनैतिक घटनाक्रम के बाद से हरीश रावत फैक्टर अब धुंधलाता दिखाई दे रहा है। बीजेपी भी कांग्रेस के हर फ़ैसले पर टकटकी लगाए हुए है।