कोटद्वार, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केन्द्र सरकार से उत्तराखण्ड को बिना विधायिका के केन्द्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है। इस संबंध में कार्यकर्ताओं ने उपजिलाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन प्रेषित किया। ज्ञापन में कहा गया है कि 9 नवम्बर 2000 को जन आंदोलन के पश्चात उत्तराखंड का निर्माण हुआ तो लोगों को विकास की नई उम्मीद जगी थी। लेकिन उत्तराखण्ड वासियों की जो अपेक्षाएं इस नवीन प्रदेश से थी वह साल दर साल ध्वस्त होती चली गई। 20 वर्षों में यह प्रदेश आठ मुख्यमंत्रियों का शासनकाल देख चुका है। वर्तमान में राज्य सरकार की नौकरियों के परीक्षा घोटाले एवं कोरोना काल में गरीब, असहाय जनता पर अत्याचार और क्वारंटाइन सेंटरों की दुर्दशा के मामले लगातार सामने आ रहे है। कहा कि इस प्रदेश को बिना विधानसभा का केन्द्र शासित प्रदेश बनाया जाना चाहिए। तभी राज्य का विकास संभव है। ज्ञापन देने वालों में अभाविप के पूर्व जिला संयोजक शान्तनु थपलियाल, पंकज नेगी, नवीन नेगी, मनोज शाह, अमित बडोला आदि शामिल थे।

 

https://jansamvadonline.com/in-context/administration-alert-after-attacks-on-indians-in-nepals-adjoining-area-of-uttarakhand/